भगवान विष्णु की बरसेगी विशेष कृपा
Kartik Month Guruvaar Upaay, (आज समाज), नई दिल्ली: गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है और पूरा कार्तिक महीना भी विष्णु भगवान की उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसे में जब दोनों का संगम होता है कार्तिक मास का गुरुवार, तो इस दिन किए गए छोटे-छोटे उपाय विशेष फल प्रदान करते हैं।

माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से न केवल सुख-समृद्धि मिलती है, बल्कि पापों से मुक्ति और जीवन में शुभता का आगमन होता है। आइए जानते हैं, इस दिन किए जाने वाले शुभ उपाय।

भगवान विष्णु की आराधना करें

सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु के समक्ष घी का दीपक जलाकर श्रद्धा से पूजा करें। इस दिन विष्णु भगवान की उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।

केले के पेड़ की पूजा करें

गुरुवार के दिन केले के पेड़ पर जल अर्पित करें, दीपक जलाएं और उसकी विधिवत पूजा करें। मान्यता है कि इससे भगवान विष्णु शीघ्र प्रसन्न होते हैं।

पीले वस्त्र पहनें

विष्णु जी को पीला रंग अत्यंत प्रिय है। इसलिए इस दिन पीले वस्त्र धारण करना शुभ फल प्रदान करता है और सौभाग्य बढ़ाता है।

पीली वस्तुओं का दान करें

गुरुवार को पीले रंग की वस्तुएं जैसे चना दाल, कपड़े या अन्न का दान करना बहुत शुभ माना गया है। इससे जीवन में धन और पुण्य की वृद्धि होती है।

सत्यनारायण कथा का पाठ करें

इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा पढ़ना या सुनना चाहिए। कथा के बाद प्रसाद बांटने से घर में शांति और सुख का वास होता है।

तुलसी माता की पूजा करें

शाम के समय तुलसी के पौधे के सामने घी या तिल के तेल का दीपक जलाएं। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य का प्रवेश होता है।

सफाई कार्य से परहेज करें

गुरुवार के दिन घर की धुलाई या पोंछा लगाने से बचें और न ही कपड़े प्रेस करने के लिए बाहर भेजें। ऐसा करने से गुरुवार का शुभ प्रभाव बना रहता है।

गुरुवार को क्यों होती है भगवान विष्णु की पूजा

गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि यह दिन गुरु बृहस्पति को समर्पित माना जाता है, जो देवताओं के गुरु हैं और भगवान विष्णु के अत्यंत प्रिय हैं।

धार्मिक मान्यता है कि बृहस्पति ग्रह का स्वामी स्वयं भगवान विष्णु हैं, इसलिए गुरुवार का दिन विष्णु जी की उपासना के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, साथ ही पापों का नाश और भाग्य में वृद्धि होती है।