मां लक्ष्मी बरसाएंगी कृपा
Sharad Purnima Upaay, (आज समाज), नई दिल्ली: साल की सभी पूर्णिमा तिथि का अपना महत्व है, लेकिन शरद पूर्णिमा को बहुत शुभ माना जाता है। शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होते हैं और माना जाता है कि उनकी किरणों से अमृत निकलता है। वहीं इस रात कुछ विशेष उपाय करने से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस रात को कुछ विशेष उपाय करने से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है, तो आइए उन खास उपाय के बारे में जानते हैं।

पूर्णिमा की रात करें ये उपाय

  • एक सुपारी और लाल धागा या कलावा लें। रात में मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें। पूजा के दौरान सुपारी को लाल धागे से लपेट दें और इसे मां लक्ष्मी को अर्पित करें। साथ में फूल, माला, सिंदूर और अक्षत भी चढ़ाएं। फिर अगले दिन सुबह स्नान के बाद इस सुपारी को उठाकर अपने धन रखने के स्थान में रख दें। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से घर में कभी धन-संपत्ति की कमी नहीं होती है।
  • गाय के दूध और चावल की खीर बनाकर रात भर खुले आसमान के नीचे रखें। ताकि चंद्रमा की किरणें उस पर पड़ सकें। अगले दिन सुबह इस खीर का सेवन परिवार के लोगों को कराएं। ऐसा करने से रोग-दोष से मुक्ति मिलती है।
  • कर्ज से मुक्ति और धन लाभ के लिए शरद पूर्णिमा की रात श्री सूक्त या कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें।
  • मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान उन्हें 5 पीली कौड़ियां अर्पित करें। पूजा के बाद इन कौड़ियों को लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख दें। इससे घर में स्थायी धन का आगमन होगा।
  • इस रात तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक जलाएं और मां तुलसी की परिक्रमा करें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी खुश होती हैं।

ये उपाय भी अवश्य करें

  • इस दिन सफेद वस्त्र पहनकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए।
  • कनकधारा स्तोत्र के पाठ और ऊं श्रीं महालक्ष्म्यै नम: मंत्र का 108 बार जाप करने से धन-धान्य में वृद्धि होती है।
  • रात को केसर युक्त खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखना और उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करना स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए लाभकारी माना जाता है।
  • अगर किसी के दापत्य जीवन में समस्याएं चल रही हैं तो पति-पत्नी चंद्रमा को दूध का अर्घ्य दे सकते हैं, जिससे चंद्र दोष के प्रभाव को कम कर सकते हैं।
  • पीपल की पूजा और माता लक्ष्मी के मंदिर में नारियल, मेवे व लाल चुनरी अर्पित करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

कोजागर व्रत का विशेष महत्व

पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम में कोजागर व्रत का विशेष महत्व है। इसे कोजागरी पूजा, बंगाली लक्ष्मी पूजा और कौमुदी व्रत के नाम से भी जाना जाता है। इस रात माता लक्ष्मी जागते हुए भक्तों को धन-धान्य से समृद्ध करती हैं। स्कन्दपुराण के अनुसार यह व्रत ऐश्वर्य, स्वास्थ्य और सुख प्रदान करता है। भक्त रात्रि जागरण कर माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं और विशेष अनुष्ठान करते हैं।

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