गाय माता की पूजा करने से प्रगति के मार्ग होते हैं प्रशस्त
Gopashtami Upaay, (आज समाज), नई दिल्ली: गोपाष्टमी का दिन इसलिए बेहद खास माना जाता है क्योंकि इस दिन से भगवान श्री कृष्ण ने गौ चारण लीला शुरू की थी। इसलिए गोपाष्टमी के दिन गायों की विशेष रूप से पूजा करने का विधान है। गोपाष्टमी के दिन ऐसा करने से प्रगति के मार्ग प्रशस्त होते हैं, सौभाग्य में वृद्धि होती है और जीवन में उन्नति आप प्राप्त करते हैं।

गोपाष्टमी पर गाय माता को स्नान कराकर उनका श्रृंगार करना चाहिए और उचित प्रकार से उनकी पूजा करके आशीर्वाद लेना चाहिए। साथ ही कुछ उपाय भी इस दिन आपके लिए बेहद लाभदायक साबित हो सकते हैं। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में।

उपाय

  • अगर आप अपने धन में बढ़ोतरी करना चाहते हैं, तो गोपाष्टमी के दिन 1 साबुत हल्दी और 5 सफेद कौड़ियां लेकर गाय के माथे से छुआकर अपने घर में रख लें। ऐसा करने से आपके धन में बढ़ोतरी होगी और साथ ही आपकी तरक्की भी होगी।
  • अगर आप अपने परिवार से जुड़ी किसी समस्या का हल जल्द से जल्द निकालना चाहते हैं, तो गोपाष्टमी के दिन गाय माता को रोली का तिलक लगाएं और रोटी पर थोड़ी-सी खीर रखकर खिलाएं। फिर घर आकर दुर्गा जी के इस मंत्र का 11 बार जप करें। मंत्र इस प्रकार है- सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते। ये उपाय करने से आपकी पारिवारिक समस्या का हल जल्द से जल्द निकल जायेगा और आपके परिवार में खुशहाली आयेगी।
  • अगर आप अपने जीवन स्तर को बेहतर बनाना चाहते हैं, तो गोपाष्टमी के दिन आप स्नान आदि के बाद साफ-सुथरे कपड़े पहनकर गाय माता की पूजा करें। सबसे पहले उन्हें हल्दी का तिलक लगाएं और धूप-दीप से गऊ माता की आरती करें। इसके बाद हाथ जोड़कर गऊ माता को प्रणाम करें। ऐसा करने से आपका जीवन स्तर बेहतर बनेगा।
  • अगर आप अपने व्यापार में खूब तरक्की के साथ ही अच्छा स्वास्थ्य भी पाना चाहते हैं, तो गोपाष्टमी के दिन गौ माता का विधिवत पूजन करें। साथ ही गऊशाला में गायों के निमित्त कुछ दान-पुण्य करें और मां दुर्गा के इस मंत्र का 11 बार जप करें। मंत्र इस प्रकार है- देहि सौभाग्यम अरोग्यं देहि मे परमं सुखम्, रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषों जहि। ऐसा करने से आपके व्यापार में खूब तरक्की होगी और साथ ही आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा।

ये भी पढ़ें: कब है आंवला नवमी? जानें, पूजा का समय, विधि और महत्व