पुण्य के बजाय लगेगा पाप
Pitru Paksha Niyam, (आज समाज), नई दिल्ली: पितृपक्ष चल रहा है। आज पितृपक्ष की दश्मी तिथि का श्राद्ध है। पितृ पक्ष के दौरान पितरों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है। साथ ही ब्राह्मण भोज और दान-पुण्य जरूर किया जाता है। देवताओं, कौए, गाय, चींटी और कुत्ते के लिए भोजन निकाला जाता है। मान्यता है कि इन 15 दिनों में पितर धरती पर आते हैं। पितृ पक्ष के दौरान ब्राह्मणों को भोज कराना बहुत अहम होता है। ऐसा करने से पितृ भी प्रसन्न होते हैं और देवी-देवता भी कृपा करते हैं। लेकिन ब्राह्मण भोज कराते समय कुछ बातों का ध्यान रखें।
इन बातों का रखें ध्यान
- कुम्हड़े या सीताफल की सब्जी और पत्ता गोभी की सब्जी नहीं परोसें। ना ही इस दिन ये सब्जियां बनाएं। मान्यता है कि पितर ये दोनों सब्जियां ग्रहण नहीं करते हैं और रूठ कर बिना भोजन किए श्राप देकर चले जाते हैं। इसलिए श्राद्ध कर्म में कुम्हड़े और पत्ता गोभी की सब्जी बनाना वर्जित है।
- भैंस के दूध से बनी या मिठाई ब्राह्मण भोज में परोसें। भैंसा यमराज का वाहन है इसलिए भैंस के दूध की खीर बनाने से पितरों को ताड़ भोगना भोगना पड़ता है।
- गलती से भी ब्राह्मण का अपमान ना करें। ऐसा करना घोर पाप का भागी बना सकता है।
ब्राह्मणों को भोजन कराने की सही विधि
- ब्राह्मणों को भोजन कराते समय कुछ नियमों का पालन करें।
- ब्राह्मणों को भोजन के लिए सम्मानपूर्वक आमंत्रित करें। उनसे निवेदन करें कि वे उस दिन श्राद्ध का भोजन आपके यहां ही करें।
- ब्राह्मण भोज के मेनु में केवल सात्विक चीजें ही रखें। गलती से भी भोजन में लहसुन-प्याज का इस्तेमाल ना करें।
- ब्राह्मणों को भोजन कराने के लिए इस तरह बैठाएं कि उनका मुख दक्षिण दिशा की ओर हो।
- भोजन के बाद ब्राह्मण देवता को दान-दक्षिणा जरूर दें। अपनी सामर्थ्य के अनुसार उन्हें अनाज, कपड़े, पैसे आदि दान में दें।
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