भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्र देव की आराधना की जाती है
Margashirsha Purnima Niyam,(आज समाज), नई दिल्ली: मार्गशीर्ष पूर्णिमा इस साल का आखिरी पूर्णिमा है, जो कि 4 दिसंबर 2025 को पड़ रही है। इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्र देव की आराधना की जाती है। कहते हैं कि पूर्णिमा पर चंद्र देव अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होते हैं। मार्गशीर्ष पूर्णिमा चंद्र देव और माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने का सबसे शुभ अवसर है। ऐसे में अगर आप इस दिन को शुभ बनाना चाहते हैं तो आपको कुछ काम नहीं करने चाहिए। अगर आप पूर्णिमा पर ये गलतियां करते हैं तो आपको अशुभ परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर क्या नहीं करना चाहिए?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अगर आप पूर्णिमा पर अशुभ प्रभावों से बचना चाहते हैं तो इस दिन भूलकर भी इस दिन दूध का लेन-देन नहीं करना चाहिए, बाल नहीं कटवाने चाहिए, नाखून नहीं काटने चाहिए, मांस, मदिरा, लहसुन और प्याज जैसे तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए और घर आए किसी भी जानवार या गरीब को खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए।
पूर्णिमा पर क्या वर्जित है?
- पूर्णिमा पर मांस, मदिरा, लहसुन और प्याज जैसे तामसिक भोजन का सेवन न करें।
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूर्णिमा पर कद्दू जैसी सब्जी नहीं खानी चाहिए।
- पूर्णिमा पर बाल नहीं कटवाने चाहिए और बाल धोने भी नहीं चाहिए।
- पूर्णिमा के दिन नाखून नहीं काटने चाहिए।
- पूर्णिमा पर लड़ाई-झगड़ा या वाद-विवाद न करें।
- पूर्णिमा पर झूठ न बोलें और बुरा भला न कहें।
- पूर्णिमा पर गुस्सा न करें और मन को शांत रखें।
- पूर्णिमा पर किसी का दिल न दुखाएं और बुजुर्गों-महिलाओं का सम्मान करें।
- पूर्णिमा के दिन काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
- अगर पूर्णिमा पर व्रत रखा हो तो दिन में न सोएं।
- पूर्णिमा पर किसी भी पेड़ को नहीं काटना चाहिए।
- पूर्णिमा पर किसी जरूरतमंदों को खाली हाथ न लौटाएं।
- पूर्णिमा के दिन दूध का लेन-देन नहीं करना चाहिए।
पूर्णिमा की रात में क्या करना चाहिए? - पूर्णिमा के दिन नमक, मसाला, दूध, चांदी और काले रंग के कपड़े नहीं खरीदने चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि पूर्णिमा पर इन चीजों को खरीदने से चंद्र और शुक्र दोष लग सकता है, जिससे आर्थिक और मानसिक परेशानियां हो सकती हैं।
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूर्णिमा की रात को मां लक्ष्मी की पूजा करें, चंद्रमा को अर्घ्य दें, खीर बनाकर खुले आसमान के नीचे रखें, मंत्रों का जाप करें और दान करना चाहिए। यह दिन आर्थिक समृद्धि, स्वास्थ्य और शांति के लिए विशेष माना गया है।
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