कहा, डीजेबी को अब 50 करोड़ रुपए से अधिक व्यय करने का अधिकार दे दिया गया

Delhi Breaking News (आज समाज), नई दिल्ली। राजधानी में लोगों के सामने जो पिछले दशकों से मुख्य समस्याएं ज्यों की त्यों बनी हुई हैं उनमें से एक है स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति। राजधानी में कई सरकारें आई और गई लेकिन दिल्ली के लोगों को स्वच्छ पेयजल और पानी माफिया से मुक्ति नहीं दिला पार्इं। अब मौजूदा दिल्ली सरकार अपने वादे को पूरा करने के लिए दिल्ली वासियों को 24 घंटे स्वच्छ पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के प्रयास कर रही है। इसके लिए सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के वित्तीय अधिकार बढ़ाने का निर्णय लिया है।

प्रदेश सरकार ने इसलिए लिया फैसला

दिल्ली में यमुना नदी को निर्मल बनाने, गंदे नालों की सफाई के लिए संयंत्र आदि लगाने और पेयजल की समुचित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए रेखा गुप्ता सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का कहना है कि हमारी सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के वित्तीय अधिकारों में इजाफा कर दिया है। अब बोर्ड करोड़ों रुपयों की लागत वाली परियोजनाओं को स्वयं ही पूरा करेगा, जिनमें यमुना का शुद्धिकरण, नालों के पानी का ट्रीटमेंट, नियमित पेयजल आपूर्ति जैसे महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं।

मुख्यमंत्री के अनुसार ऐसी परियोजनाओं को अब केबिनेट में लाने की आवश्यकता नहीं होगी। नए निर्णय में बोर्ड के अध्यक्ष, सीईओ व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के वित्तीय अधिकारों में भी बढ़ोतरी कर दी गई है। मुख्यमंत्री का स्पष्ट कहना है कि बोर्ड की शक्तियों में यह बढ़ोतरी शासन प्रणाली को अधिक सक्षम, प्रभावी और उत्तरदायी बनाने के उद्देश्य से की गई है। मुख्यमंत्री का यह भी कहना है कि दिल्ली की सरकार प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रेरणादायी नारे न्यूनतम सरकार-अधिकतम शासन पर अमल कर रही है।

बोर्ड को सक्षम और स्वायत्त बनाना लक्ष्य

रेखा गुप्ता ने बताया कि बोर्ड का अर्थ ही होता है कि वह सक्षम व स्वायत्त हो, तभी उसकी कार्यप्रणाली प्रभावी हो पाएगी। उन्होंने बताया कि पूर्व सरकार ने बोर्ड के सभी वित्तीय अधिकार समाप्त कर दिए थे। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि नई व्यवस्था के अनुसार डीजेबी अब 50 करोड़ रुपए से अधिक व्यय करने का अधिकार दे दिया गया है। इसके अलावा जल बोर्ड के सीईओ को 25 करोड़ रुपए, मेंबर (एडमिन)ध्(डब्ल्यूएस)ध्(डीआर) को 5 करोड़ रुपए तक के वित्तीय अधिकार के अलावा अन्य वरिष्ठ अफसरों के वित्तीय अधिकारों में बढ़ोतरी कर दी गई है।