खतरनाक श्रेणी में बना हुआ एक्यूआई, नाकाफी साबित हो रहे सरकार और एनडीएमसी के प्रयास
Delhi Pollution Update (आज समाज), नई दिल्ली : हर साल की तरह इस बार भी सर्दियां शुरू होने से पहले ही राजधानी दिल्ली प्रदूषण की गिरफ्त में है। यहां पर प्रदूषण की मोटी परत छा चुकी है और लोगों के सांसों पर संकट जारी है। एनडीएमसी के अनुसार, आयोग की उप-समिति की बैठक में पाया गया कि राजधानी का औसत एक्यूआई 302 दर्ज किया गया था और आने वाले दिनों में इसमें और बढ़ोतरी की आशंका जताई गई थी।
राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण पर काबू पाने के लिए नई दिल्ली नगर परिषद (एनडीएमसी) ने बड़ा निर्णय लिया है। उसने नई दिल्ली इलाके में वाहनों की गतिविधियों को कम करने और लोगों को निजी वाहनों के बजाय सार्वजनिक परिवहन अपनाने के लिए पार्किंग शुल्क दोगुना करने की घोषणा की है। यह कदम वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के निदेर्शों और ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के चरण-दो के तहत उठाया गया है।
अब इतनी दर चुकानी होगी
परिषद ने कहा है कि ग्रेप चरण-दो के निरस्त होने तक नई दिल्ली क्षेत्र में उसकी सभी आॅफ-स्ट्रीट और इनडोर पार्किंग स्थलों पर नई दरें लागू रहेंगी। अब चारपहिया वाहनों की पार्किंग फीस 20 से बढ़ाकर 40 रुपये प्रति घंटा कर दी गई है, जबकि दुपहिया वाहनों की दर 10 से बढ़ाकर 20 रुपये प्रति घंटा की है। बसों के लिए शुल्क 150 से बढ़ाकर 300 रुपये प्रति घंटा और इनडोर पार्किंग में कारों के लिए 10 से 20 रुपये और दुपहिया के लिए पांच से 10 रुपये प्रति घंटा कर दिया गया है।
दिल्ली और सुप्रीम कोर्ट की अपील का नहीं हुआ असर
ज्ञात रहे कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 15 अक्टूबर से पहले इतना खतरनाक नहीं था। लेकिन त्योहारी सीजन शुरू होते ही यह बढ़ने लगा और फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण लोगों द्वारा त्योहारी सीजन में खतरनाक व अंधाधुंध आतिशबाजी प्रमुख रहा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली सरकार ने लोगों से अपील की थी कि दिवाली पर ग्रीन पटाखे ही चलाए जाएं लेकिन लोगों ने इस अपील और आदेशों की खूब धज्जियां उड़ाई जिससे प्रदूषण में काफी ज्यादा वृद्धि हुई।
दिल्ली सरकार पंजाब पर फोड़ रही प्रदूषण का ठीकरा
दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण के स्तर के पीछे दिल्ली सरकार ने पंजाब के किसानों को कसूरवार ठहराते हुए पराली जलाने की घटनाओं को मुख्य कारण बताया है। दिल्ली भाजपा नेताओं का कहना है कि पंजाब कि किसान बड़े स्तर पर धान के अवशेषों को आग लगा रहे हैं जिससे उठ रहा धुंआ हवा में मिलकर दिल्ली की तरफ आ रहा है और प्रदूषण के स्तर को बढ़ा रहा है।