• किसानों के मांगपत्र पर राजस्व विभाग दुरुस्त करने में जुटा,
  • 30 हजार एकड़ रकबाधारक किसानों का नब्बे फिसदी समाधान किया, संदिग्ध आवेदनों की जांच शुरु
  • बाजरा को एमएसपी बेचने में छूटे किसानों के पसीनें, सरल केन्द्र के कर्मचारी दिनरात डाटा दुरुस्त करने में जुटे

Charkhi Dadri News(आज समाज नेटवर्क)बाढड़ा। खरीफ सीजन 2025 के बाजरा उत्पादक किसानों द्वारा सरकारी खरीद के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर किए गए आवेदन किसान व राजस्व विभाग के गले की फांस बन गया है। उपमंडल में सबसे अधिक गांव चकबंदी बिना होने के कारण लगभग 30 हजार एकड़ रकबाधारक किसानों का डाटा मिसमैच हो गया जिनका सरल केन्द्र कर्मचारी दिनरात दुरुस्त करने में जुट गए हैं वहीं 2688 संदिग्ध पंजीकरण के लिए भी विशेष टीमें जांच में जुटी हैं। राजस्व विभाग ने सभी किसानों से किसी भी तरह की समस्या आने पर राजस्व विभाग व सीएससी केन्द्र पर अपना ब्यौरा जांच करने का अपील की है।

उपमंडल क्षेत्र में मौजूदा खरीफ सीजन में सबसे अधिक बाजरा बोया गया था लेकिन लगातार बरसात के कारण किसानों की यह कम लागत वाली फसल सरकारी भाव में बेचने पर समस्या खड़ी हो गई है। कृषि विभाग के मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकृत किया गया रकबा व कृषि एवं राजस्व विभाग की गिरदावरी रिपोर्ट में उत्पादक व बिजाई किया गया रकबे का आपसी मिलान न होने से डाटा मिस मैच हो गया और मंडी में बाजरा बेचने वाले किसान जब अपना ब्यौरा लेते हैं तो उनके होश फाख्ता हो गए क्योंकी उनका रिकार्ड ही मेल नहीं खा पाया है। इस बारे में किसानों ने एसडीएम, तहसीलदार को सारी स्थिति से अवगत करवाया तो प्रशासन ने आनन फानन में राजस्व विभाग व कृषि विभाग की टीम को गठित कर बिना मैच वाले रकबे को दुरुस्त करने के लिए सरल केन्द्र पर आपरेटरों को विशेष जिम्मेवारी सौंपी।

राजस्व विभाग अब संदिग्ध डाटा की जांच में जुटा है जिसमें बिना मालिक बने दूसरे की भूमि पर मल्कियत दर्शा कर मुआवजा या एमएसपी दरों पर अनाज बेच रहे हैं

एसडीएम आशीष सांगवान व राजस्व अधिकारी राजकुमार के आदेश पर विभाग के कानूनगो कपूर सिंह व सरल केन्द्र तकनीकी प्रभारी बिशंबर की अगुवाई में बाजरा उत्पादक जिन किसानों ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण के बाद मंडी में सरकारी भाव पर अनाज बेचने आने वाले किसानों की व्यक्ति रुप से आवेदन प्राप्त कर उसके रकबे के आधार पर नई रिपोर्ट तैयार कर तुरंत रिकार्ड को सही कर उनको खरीद के लिए हरी झंडी दी जा रही है जिससे लगभग बीस हजार से अधिक किसानों को राहत मिली है। राजस्व विभाग अब संदिग्ध डाटा की जांच में जुटा है जिसमें बिना मालिक बने दूसरे की भूमि पर मल्कियत दर्शा कर मुआवजा या एमएसपी दरों पर अनाज बेच रहे हैं और विभाग के अलावा कई असली भूमालिक किसानों के लिए सिरदर्द बने हुए हैं।

तीन चरणों में डाटा में सुधार किया गया

सरल केन्द्र तकनीकी प्रभारी बिशंबर ने बताया कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल सरकार का कृषि क्षेत्र का एक सराहनीय बहुउद्देशीय पोर्टल है जिससे किसानों को बहुत लाभकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। एमएसपी के लिए अनाज बेचने वाले किसानों को किसी तरह की परेशानी नहीं आने दी जाएगी। खरीफ सीजन में इस पोर्टल पर पंजीकरण करने वाले किसानों के साथ किसी तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए पहले जिले से बाहर विशेष कर रेवाड़ी, नुहं, गुरुग्राम, हिसार इत्यादि क्षेत्र के फर्जी तरीके से पंजीकृत किसानों के नाम हटाने के लिए अभियान शुरु किया गया है। दूसरे चरण में सामान्य त्रूटि वाले किसानों का रकबा की मल्कियत दुरुस्त करने के बाद अब संदिग्ध किसानों के रिकार्ड की जांच की जा रही है।

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