कहा, रूस-पाकिस्तान समझौता भारत की कूटनीतिक विफलता का उदाहरण
Today Breaking News (आज समाज), नई दिल्ली : रूस और पाकिस्तान के बीच आपसी सैन्य सहयोग के लिए हुए समझौते पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महासचिव जयराम रमेश ने केंद्र सरकार से सवाल किया है कि आखिर भारत का सबसे पुराना और करीबी दोस्त एक ऐसे देश को हथियार देने जा रहा है जो भारत के खिलाफ उन हथियारों को कभी भी प्रयोग कर सकता है तो इसपर केंद्र सरकार चुप क्यों बैठी है।
इसके साथ ही रमेश ने यह भी आरोप लगाया कि भारत अब तक पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने में असफल रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर, जिन्होंने हाल ही में सांप्रदायिक भड़काऊ बयान दिए, उन्हें ट्रंप जैसे नेताओं का समर्थन मिल रहा है और रूस हथियार दे रहा है। वहीं चीन भी पाकिस्तान के साथ पूरी तरह खड़ा है। मामले में कांग्रेस ने सरकार से साफ-साफ जवाब मांगा है कि भारत के पुराने भरोसेमंद साथी रूस ने ऐसा रुख क्यों अपनाया है, और इसके लिए कौन जिम्मेदार है। कांग्रेस ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्यक्तिगत छवि आधारित कूटनीति की विफलता बताया है।
रूस ने भारत को किया नजरअंदाज
कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि रूस ने भारत की अपीलों को नजरअंदाज करते हुए पाकिस्तान के लिए चीन निर्मित जेएफ-17 लड़ाकू विमानों में इस्तेमाल होने वाले एडवांस इंजन आरडी93एमए की सप्लाई जारी रखी है। उन्होंने कहा कि यह वही विमान हैं जिनका इस्तेमाल आॅपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के खिलाफ किया गया था।
कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर यह आरोप भी लगाए
कांग्रेस नेता रमेश ने आरोप लगाया कि जून में विदेश मंत्री एस जयशंकर के हस्तक्षेप के बावजूद यह डील आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि जब भारत रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम खरीद रहा है और एसयू-57 स्टील्थ फाइटर जेट्स पर बातचीत कर रहा है, तब रूस का पाकिस्तान को हथियार देना चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीति केवल इवेंट और फोटो खिंचवाने तक सीमित रह गई है, जिससे भारत को असल फायदे नहीं मिल रहे हैं।
आपरेशन सिंदूर के बाद बदली तस्वीर
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भारत सरकार ने आॅपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान पर वैश्विक स्तर बनाई अपनी पकड़ लगभग खो दी है। जून के बाद पाकिस्तान के साथ अमेरिका, चीन और साऊदी अरब खुलकर सामने आ चुके हैं और उसे किसी भी तरह का सहयोग देने के लिए तैयार हैं जबकि अब रूस भी पाकिस्तान के साथ समझौता कर रहा है और उसे हथियार देने को तैयार है। यह भारत की एक बहुत बड़ी कूटनीतिक चूक का परिणाम है।
ये भी पढ़ें : Amit Shah Chhattisgarh Visit : विकास के मार्ग में रोड़ा बना नक्सलवाद : अमित शाह