अमेरिका द्वारा 100 फीसदी टैरिफ लगाने के बाद चीन ने लिया फैसला, भारत को होगा बड़ा फायदा
China-India Trade (आज समाज), बिजनेस डेस्क : एक तरफ जहां भारत पर दबाव बनाने के लिए हर रोज अपनी नीतियों में परिवर्तन करते हुए भारत पर आर्थिक सख्ती कर रहा है। वहीं रूस और चीन भारत को इस दबाव से निकालने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। गत दिनों जहां रूस ने भारत से व्यापारिक संबंध पहले से ज्यादा मजबूत करने की बात दोहराई है तो वहीं अब चीन ने भारतीय दवाओं पर आयात शुल्क शून्य कर दिया है। आपको बता दें कि पहले चीन 30 प्रतिशत आयात शुल्क वसूलता था। चीन ने यह फैसला अमेरिका द्वारा 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद किया है।
भारतीय दवा कंपनियों के लिए आसान हुआ बिजनेस
इस फैसले के बाद भारत की दवा बनाने वाली कंपनियां बिना किसी सीमा शुल्क के चीन को दवाएं निर्यात कर सकेंगी। ट्रंप के टैरिफ से अमेरिकी बाजार में लागत बढ़ने के बीच चीन का यह फैसला भारतीय कंपनियों को सस्ती दवाओं की मजबूत मांग वाले वैकल्पिक बाजार के तौर पर उभर सकता है। इससे आने वाले समय में भारतीय दवा निर्यात में अरबों डॉलर की बढ़ोतरी हो सकती है।
ट्रंप के फैसले से चिंता में भारतीय फार्मा उद्योग
दो दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने फार्मा उत्पादों सहित कई चीजों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया था। इनमें फार्मा उत्पादों पर 100 फीसदी का शुल्क प्रमुख था। यह बढ़ा हुआ शुल्क एक अक्तूबर से प्रभावी होगा। जिसके बाद दवाइयों से लेकर भारी ट्रकों तक आयातित सामान महंगे हो जाएंगे। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जिन उत्पादों पर टैरिफ की घोषणा की थी उनमें, किचन कैबिनेट, बाथरूम वैनिटी, गद्देदार फर्नीचर और भारी ट्रकों शामिल थे। उन्होंने कहा था कि दवाइयों पर 100 फीसदी, किचन कैबिनेट और बाथरूम वैनिटी पर 50 फीसदी, फर्नीचर पर 30 फीसदी और भारी ट्रकों पर 25 फीसदी आयात कर लगाया जाएगा।
भारतीय कंपनियों के लिए अमेरिका सबसे बड़ा बाजार
भारत के दवा निमार्ताओं के लिए अमेरिका सबसे बड़ा बाजार रहा है। 2025 के पहले छह महीनों में ही अमेरिका को कुल 32 हजार 505 करोड़ रुपये (3.7 अरब डॉलर) की दवाओं का निर्यात हो चुका है। ऐसे में 100 फीसदी टैरिफ लगने से अमेरिका में भारत की सस्ती दवाएं भी महंगी दरों पर बिकेंगी।