कहा, आंध्र प्रदेश के विद्यार्थी 5 दिवसीय शिविर के दौरान सीखेंगे पंजाबी भाषा

Punjab News (आज समाज), चंडीगढ़ : पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के निर्देश के अनुसार पंजाब और आंध्र प्रदेश को इस कार्यक्रम के अंतर्गत एक समूह में रखा गया है। इस एक्सचेंज प्रोग्राम के हिस्से के रूप में, पंजाब के सरकारी स्कूलों में छठी से दसवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को तेलुगु भाषा की प्राथमिक जानकारी दी जाएगी, जबकि आंध्र प्रदेश के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी पंजाबी सीखेंगे।

पेन इंडिया पहल के दौरान होगा आयोजन

बैंस ने बताया कि इस पेन इंडिया पहल में विभिन्न राज्यों के समूह बनाए गए हैं, जिनमें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को तमिलनाडु के साथ, हिमाचल प्रदेश को केरल के साथ, उत्तराखंड को कर्नाटक के साथ, हरियाणा को तेलंगाना के साथ, राजस्थान को असम के साथ, गुजरात को छत्तीसगढ़ के साथ, महाराष्ट्र को ओडिशा के साथ, गोवा को झारखंड के साथ, दिल्ली को सिक्किम के साथ, मध्य प्रदेश को मणिपुर और नागालैंड के साथ, उत्तर प्रदेश को अरुणाचल प्रदेश और मेघालय के साथ, और बिहार को त्रिपुरा और मिजोरम के साथ रखा गया है, जो इस कार्यक्रम की व्यापक पहुंच और सांस्कृतिक आदान-प्रदान की संभावनाओं को दर्शाता है।

छात्रों को बहुभाषावाद के लिए प्रेरित करना उद्देश्य

शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस समर कैंप का उद्देश्य विद्यार्थियों को एक और भारतीय भाषा सीखने के लिए प्रेरित कर बहुभाषावाद और सांस्कृतिक साझेदारी को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने क्षेत्रीय भाषाओं और संस्कृतियों की सुरक्षा के महत्व पर भी बल दिया। हरजोत सिंह बैंस ने जोर देकर कहा कि मातृभाषा और राज्य की सरकारी भाषा होने के नाते पंजाबी के महत्व को किसी भी रूप में कम नहीं किया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने उन लोगों की कड़ी आलोचना की जो केवल राजनीति करने के उद्देश्य से इस समर कैंप का विरोध कर रहे हैं।

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