- योग और राजयोग को बताया गया श्रेष्ठ जीवन का मार्ग: वसुधा बहन
(Charkhi Dadri News) चरखी दादरी। स्वयं और समाज के साथ पृथ्वी को दिव्य व श्रेष्ठ बनाने के लिए राजयोग मेडिटेशन व योगाभ्यास रामबाण औषधि है यह उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की कादमा शाखा में 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष में हरियाणा योग आयोग, जिला प्रशासन एवं आयुष विभाग चरखी दादरी के संयुक्त तत्वावधान में एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य थीम पर आयोजित त्रिदिवसीय प्रोटोकॉल प्रशिक्षण में सेवाकेंद्र प्रभारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि योग हम सभी के लिए एक जीवन पद्धति है। योग मन व शरीर, विचार व कर्म, संयम वह उपलब्धि की एकात्मकता तथा मानव व प्रकृति के बीच सामंजस्य का मूर्त रूप है। योग शिक्षक मित्रसेन व कविता दगड़ोली ने ताड़ासन, सुखासन, अनुलोम विलोम कपाल भाति भस्त्रिका प्राणायाम आदि का अभ्यास करवाया गया। उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का निवास होता है।
ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन ने कहा कि योग वह प्रकाश है जो एक बार जला दिया जाए तो कभी कम नहीं होता। जितना अच्छा आप अभ्यास करेंगे लौ उतनी ही अच्छी प्रज्वलित होगी। योग शिक्षक कविता दगड़ौली ने कहा कि अगर हम स्वयं व समाज को श्रेष्ठ बनाना चाहते हैं तो हमें सकारात्मक चिंतन की आवश्यकता है और वह योग से ही संभव है। क्योंकि योग हमें कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति देता है और उनको दूर करने का तरीका भी सिखाता है। इस मौके पर आयुष योग सहायक मित्रसेन कविता दगड़ोली, सरमेंदर आदि ने अंतरराष्ट्रीय योगा प्रोटोकॉल का अभ्यास करवाया और कहां की सर्वांगीण विकास के लिए शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ होना आवश्यक है और वह योग व राजयोग से संभव है।
Charkhi Dadri News : अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की जिला स्तरीय रिहर्सल सम्पन्न