(Charkhi Dadri News) चरखी दादरी । जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, बिरही कलां में नव पदोन्नत प्राचार्यों के लिए आयोजित बारह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में वीरवार को निपुण हरियाणा मिशन को लेकर एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया।इस अवसर पर जिला एफएलएन कोऑर्डिनेटर संदीप कुमार ने उपस्थित प्राचार्यों को मिशन के विभिन्न आयामों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी और विद्यालय नेतृत्व में उनकी भूमिका को अत्यंत आवश्यक बताया।
संदीप कुमार ने कहा कि एफएलएन लक्ष्यों की प्राप्ति केवल कक्षा शिक्षण या पाठ्यपुस्तकों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह विद्यालय प्रमुख की सक्रियता, नेतृत्व क्षमता, निगरानी व्यवस्था और शैक्षिक मार्गदर्शन पर आधारित है।

उन्होंने निपुण हरियाणा मिशन के अंतर्गत विकसित की गई शिक्षक गाइड, वर्क बुक्स, लर्निंग आउटकम आधारित मूल्यांकन प्रक्रियाएँ, डेटा आधारित शैक्षणिक निर्णय तथा शिक्षण सहायक सामग्री के उपयोग पर विशेष बल दिया। उन्होंने बताया कि इनका उचित उपयोग कर विद्यालयों में अधिगम की गुणवत्ता को बेहतर किया जा सकता है।सत्र के दौरान एफएलएन मॉनिटरिंग की प्रभावी रणनीतियों को भी साझा किया गया। इसमें बच्चों की अधिगम प्रगति का नियमित आकलन, शिक्षकों को सतत शैक्षिक सहयोग, विद्यालय स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा बैठकों का आयोजन, कमजोर छात्रों के लिए विशेष सहयोगात्मक गतिविधियाँ तथा कक्षा-कक्ष निरीक्षण की प्रक्रिया को प्रभावी बनाना शामिल है।

उन्होंने कहा कि एकेडमिक लीडरशिप का सही अर्थ है-टीम भावना से कार्य करना, शिक्षकों को प्रेरित करना, समस्याओं को पहचानकर समाधान देना और बच्चों के अधिगम स्तर पर लगातार निगरानी रखना। उन्होंने यह भी कहा कि यदि प्राचार्य मिशन निपुण हरियाणा के उद्देश्यों को भलीभांति समझकर, विद्यालय स्तर पर ठोस योजना बनाएं और शिक्षकों को स्पष्ट दिशा-निर्देश दें, तो निश्चित रूप से जिला एफएलएन लक्ष्य समय पर प्राप्त किए जा सकते हैं। उन्होंने प्राचार्यों से आह्वान किया कि वे अपने विद्यालय को ‘निपुण विद्यालय’ बनाने की दिशा में प्रभावशाली भूमिका निभाएं।

प्राचार्य को यह सुनिश्चित करना होता है कि कक्षा-कक्ष में निर्धारित दक्षताएं समयबद्ध रूप से प्राप्त हो रही हैं या नहीं

कार्यक्रम के दौरान सम्पर्क जिला कोऑर्डिनेटर रविन्द्र कुमार ने भी निपुण हरियाणा मिशन की रूपरेखा पर जानकारी दी तथा एफएलएन दक्षताओं के संवर्धन हेतु सम्पर्क टीवी बॉक्स का लाइव डेमो प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि यह डिवाइस शिक्षकों और छात्रों दोनों के लिए एक उपयोगी संसाधन है, जो गतिविधि आधारित शिक्षण को बढ़ावा देता है।इस अवसर पर डाइट से नवरत्न पांडे, नीरज सुपाना, सुनीता, डॉ. हरीश कुमार, मोनिका, सुजीता आदि उपस्थित रहे।बॉक्स
एफएलएन के अंतर्गत एक प्राचार्य की भूमिका केवल प्रशासक की नहीं, बल्कि मेंटर और मॉनिटर दोनों की रूप में परिभाषित की गई है। प्राचार्य को यह सुनिश्चित करना होता है कि कक्षा-कक्ष में निर्धारित दक्षताएं समयबद्ध रूप से प्राप्त हो रही हैं या नहीं। शिक्षण में आने वाली कठिनाइयों के समाधान हेतु प्राचार्य को शिक्षक का शैक्षिक मार्गदर्शन करते हुए अकादमिक सहयोगी की भूमिका निभानी होती है। निपुण हरियाणा मिशन के तहत प्राचार्य शैक्षणिक नेतृत्व प्रदान करते हुए कक्षा निरीक्षण, शिक्षण समीक्षा, डेटा विश्लेषण और शिक्षक सहयोग जैसी गतिविधियों की नियमित मॉनिटरिंग करते हैं।

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