• दूल्हा-दुल्हन ने फेरों से पहले शपथ लेकर शादी समारोह को रखा प्लास्टिक मुक्त

(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। खंड के गांव मांढी केहर निवासी शिक्षा प्रेरक संघ प्रदेशाध्यक्ष मास्टर विनोद माँढी ने अपने भतीजे दीपांशु के शादी समारोह में सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग नहीं कर समाज को एक संदेश देने का प्रयास किया है कि प्लास्टिक के प्रयोग से लगातार जो पर्यावरण को नुकसान हो रहा है उसे रोका जाना जरूरी है। शादी समारोह में पॉलीथिन और प्लास्टिक के उपयोग से बचने के लिए, दूल्हा-दुल्हन ने शपथ भी ली थी। यह शपथ प्लास्टिक के उपयोग से पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचने और एक स्वच्छ समारोह सुनिश्चित करने के लिए ली गई थी।

मेहमानों के साथ दूल्हा-दुल्हन को जीवनभर प्लास्टिक व पॉलिथिन यूज न करने तथा लोगोंं को इसके प्रति जागरुक करने की शपथ दिलाई

शादी समारोह में शामिल होने पहुंचे युवा कल्याण संगठन के सरंक्षक कमल प्रधान ने नवविवाहित दंपति को आशीर्वाद देते हुए कहा कि प्लास्टिक के उपयोग को पूरी तरह समाप्त करने के लिए लोग जागरुक हो रहे है और अपने शहर और गांव को स्वच्छ बनाने के लिए प्रयासरत है। इसलिए उनके निवास स्थान माण्ढी केहर पर बुधवार को उनके भतीजे दीपांशु के शादी समारोह में प्लास्टिक के दुष्परिणामों से अवगत कराते हुए उसका उपयोग नहीं करने का प्रयास किया गया। इस दौरान दूल्हा दुल्हन और मेहमानों ने प्लास्टिक का प्रयोग नही करते हुए स्वच्छता की शपथ ली। मेहमानों के साथ दूल्हा-दुल्हन को जीवनभर प्लास्टिक व पॉलिथिन यूज न करने तथा लोगोंं को इसके प्रति जागरुक करने की शपथ दिलाई।

मा. विनोद मांढ़ी के भतीजे दीपांशु पुत्र राजेश कुमार का बुधवार को शादी समारोह रखा गया था। जहां उन्होंने पूरे समारोह को प्लास्टिक मुक्त रखा, चम्मच से लेकर कोई भी सामान प्लास्टिक का प्रयोग नहीं किया गया। दूल्हा दुल्हन ने फेरों से पहले प्लास्टिक का उपयोग पूरी तरह बंद करने का अनुरोध किया तथा लोगों को स्वच्छता के लिए प्रेरित करते हुए पॉलिथिन व प्लास्टिक का उपयोग न करने की शपथ ली व अपनी शादी में नेपकिन से लेकर डिस्पोजल सहित किसी भी प्लास्टिक की वस्तु का उपयोग नही किया।

कमल प्रधान ने नव जोड़ी को आशीर्वाद देते हुए मौजूद लोगों से अपील करते हुए कहा कि पॉलीथिन के कई नुकसान होते हैं, जो पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों के लिए हानिकारक हैं। प्लास्टिक के बैग और अन्य पॉलिथीन कचरा, जो आसानी से नष्ट नहीं होते, मिट्टी और पानी को दूषित करते हैं। पॉलिथीन कचरा जलाने से निकलने वाली जहरीली गैसें सांस और त्वचा से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ाती हैं। इसलिए इनका प्रयोग बंद किया जाना चाहिए।

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