(Charkhi Dadri News) बाढड़ा। प्रदेश की भाजपा सरकार चुनाव के समय तो युवाओं को अनेक सपने दिखाती है वहीं बाद में मुकर जाती है। हिसार में निर्दोष छात्र छात्राओं पर सरकार की लाठीचार्ज की घटना बहुत निंदनीय है और सरकार को इसके जिम्मेवार अधिकारियों पर तत्काल कार्यवाही करनी चाहिए।यह बात पूर्व विधायक व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सोमवीर सिंह ने क्षेत्र के ग्रामीण दौरे में किसानों से मुलाकात करते हुए कही। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो प्रदेश में तेजी से नशे को बढावा मिल रहा है वहीं अपराध चरम सीमा पर है जिससे जनता में भ्या का माहौल बना हुआ है।

पोर्टल में खामियों के कारण आवेदकों को माता पिता की मौत की जानकारी देनी पड़ रही है वहीं ओटीपी के लिए दिन व रात्रि इंतजार करना आम बात हो गई है

भाजपा सरकार की 11 वर्ष की सरकार में बेरोजगार युवाओं को रोजगार कम संख्या व परेशानी ज्यादा दी जा रही है। पहले तो सरकार पुराने नियमों में बदलाव का ढिंढोरा पीटती है और मनमाने नियम लागू करती है तो न्यायपालिका उनको गलत साबित करते हैं तो सरकार नियमित कर्मचारियों को अस्थाई पदों पर रखने के लिए झूठें आंसु बहाती है। जनता के पैसे से संचालित चयन प्रक्रिया अकेले रोजगार नहीं बल्कि शासन संचालन के लिए युवाओं को भर्ती किया जाता है लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन प्रदेश के लाखों आवेदकों को पोर्टल की समस्या को दूर किए बिना ही मात्र दो दिन बढाने पर भी चेतावनी जैसे व्यवहार कर रहे हैं। पोर्टल में खामियों के कारण आवेदकों को माता पिता की मौत की जानकारी देनी पड़ रही है वहीं ओटीपी के लिए दिन व रात्रि इंतजार करना आम बात हो गई है।

उन्होंन कहा कि गर्मी के सीजन में भी काकड़ौली, कादमा सहित एक दर्जन बिजली घर आवेरलोड के चलते अधिकतर समय ठप्प ही रहते हैं लेकिन सांसद, विधायक व मंत्री सरकारी पैसे से संकल्प सिद्धी का ढोंग कर रहे हैं जो जनता के लिए जले पर नमक के समान है। प्रदेश की भाजपा सरकार सरकारी पैसे का दुरुपयोग कर केवल उत्सवों में ही व्यस्त हैं और धरातल से जुड़ाव न होने के कारण युवा आवेदन पत्र जमा करवाने को लेकर दिन व रात्रि गर्मी में खड़ा रहता है वहीं किसान पेयजल के लिए बिजली घरों का घेराव करने के लिए मजबूर है।

कर्मचारी चयन आयोग को सीईटी परीक्षा के आवेदन के लिए पहले पोर्टल सिस्टम को दुरुस्त करें तथा उसके बाद कम से कम एक सप्ताह का समय देना चाहिए ताके बेरोजगार बिना परेशानी आवेदन कर सके। आज समस्त दादरी जिले में पेयजल संकट, सरकारी कालेजों में शैक्षणिक स्टाफ की सत्तर फिसदी कमी, कृषि क्षेत्र में डीएपी न मिलने व किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में बिजली व नहरी पानी न मिलना सरकार की विफलता के सबसे बड़े उदाहरण हैं। उनके साथ पूर्व बीईओ करणसिंह श्योराण, पूर्व सरपंच सुरेश धनासरी, संदीप ढाणी सुरजा, ढिल्लू आर्यनगर इत्यादि मौजूद रहे।

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