(Charkhi Dadri News) बाढड़ा।  ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाणा संबधित सीटू के आहन पर मंगलवार 20 मई को प्रदेश भर में आज आयोजित किए गए विरोध प्रदर्शन में शामिल होकर हरियाणा के सभी 11 हजार सफाई कर्मचरियों ने मुख्यमंत्री द्वारा 24 नवम्बर 2024 को की गई 26 हजार वेतन देने की घोषणा को लागू करने तथा 2007 से कार्यरत ग्रामीण सफाई कर्मियों को स्थाई करने की मांग की। उपमंडल के सफाई कर्मियों ने एसडीएम के ामध्यम से सीएम को मांगपत्र भेजा।

ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन अध्यक्ष संजय जीतपूरा की अध्यक्षता में कस्बे में आपात बैठक आयोजित कर सरकार द्वारा बरती जा रही उपेक्षा भरी नीतियों की जमकर निंदा की। उन्होंने कहा कि 24 नवम्बर 2024 को जींद कार्यक्रम में 26000 मासिक वेतन दिए जाने की घोषणा को तुरन्त प्रभाव से लागू करना जरुरी है। विधान सभा में नई नीति बिल बनाकर कर ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को रेगूलर कर्मचारी का दर्जा दिया जाये। मोबाईल ऐप से आनलाईल की बजाए 5-6 गांवों का जोन बनाकर ग्रामीण सफाई कर्मियों में से ही पड़े-लिखे कर्मचारियों को सफाई सुपरवाईजर लगाकर सफाई कर्मियों के काम की देखरेख और उपस्थिति लगाने की व्यवस्था की जाए।

सफाई कर्मियों के लिए ईपीएफ व ईएसआई में कवर होने की वेतन सीमा को बढ़ाकर 27 हजार रुपए मासकि किया जाए

सफाई कर्मचारी की सेवानिवृति पर 10 लाख रुपए सहायता राशि लागू की जाए तथा तब तक चौकीदारों की तरह 2 लाख रुपए सहायता तुरन्त प्रभाव से दी जाए। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा 1000 की आबादी पर एक कर्मचारी की नियुक्ति करते हुए 9795 नये कर्मचारी भर्ती हों तथा भविष्य में 400 की आबादी पर एक कर्मचारी की स्थाई मर्ती की जाये। सफाई कर्मियों के लिए ईपीएफ व ईएसआई में कवर होने की वेतन सीमा को बढ़ाकर 27 हजार रुपए मासकि किया जाए। सफाई कर्मी की मौत होने पर ईपीएफ बोर्ड से मिलने वाले लाम के लिए कागज कार्यवाही बीडीपीओ खंड कार्यालय की तरफ की जाए तथा इस काम के लिए खंड कार्यालयों द्वारा अनुबंधित एजेंसी की मनमानी पर रोक लगे। कर्मचारियों ने रोष बैठक के बाद एसडीएम दलजीत सिंह को ज्ञापन सौंपा। उनके अलावा मंदीप गोपी, बाबूलाल, पवन कुमार, प्रवीण, रमेश, विनोद, शर्मिला, राजो, सूरजमुखी, रोशनी, विमला, मीना, महेंद्र, सुरेंद्र सिंह इत्यादि मौजूद रहे।

सरकार की नीतियों के आवेदन में सरलीकरण जरुरी

ग्रामीण सफाई कर्मचारी की मृत्यु होने पर दीन दयाल उपाध्य योजना के तहत बीपीएल परिवारों को मिलने वाली आर्थिक सहायता के कागजात ऑनलाईन सीएससी की बजाए बीडीपीओ कार्यालय के माध्यम से ऑफलाईन जमा हो तथा कर्मचारियों के लिए बीपीएल की शतं हटाई जाए। डीडीपीओ की अध्यक्षता में जिला स्तर पर बनी कमेटियों में हमारी यूनियन के प्रतिनिधियों के नाम हटाने की भेदभावपूर्ण कार्यवाही पर रोक लगाई जाए।पंचायतों की बजाए ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को बीडीपीओ के पे रोल रखा जाए तथा सफाई कर्मियों को विभाग की गारन्टी पर लोन की व्यवस्था हो। कर्मचारी की मौत होने पर उसके परिवार के सदस्य को सफाई कर्मचारी लगाया जाए।

इसके लिए एक्सग्रेसिया नीति बनाई जाये। गांव से बाहर खंड अथवा चुनावी कार्य के लिए बुलाए जाने पर उस दिन का किराया और चाय खाने का मत्ता दिया जाए। ग्रामीण सफाई कर्मियों के लिये साल में कम से कम 4 वर्दी भत्ता दिया जाए। ठेकेदारी प्रथा के तहत लगाए गये डोर टू डोर के कर्मचारियों को विभाग के पेरोल पर लिया जाए और उनको पहले से कार्यरत ग्रामीण सफाई कर्मियों के बराबर वेतन और भत्ते दिय जाएं। सफाई कर्मचारियों को दिवाली पर कानूनी बोनस और अनाज के लिए न्यूनतम 10 हजार रुपए अग्रिम भुगतान किया।

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