(Charkhi Dadri News) चरखी दादरी। आर्यवीर दल एवं सर्वहित साधना न्यास के संयुक्त तत्वावधान एवं स्वामी सच्चिदानंद के सानिध्य में आयुष विभाग व विद्यालय प्रबंधन के सहयोग से असावरी में चल रहे व्यायाम प्रशिक्षण एवं चरित्र निर्माण संस्कार शिविर का समापन समारोह बहुत ही भव्यता के साथ संपन्न हुआ। इस समापन समारोह के मुख्य अतिथि आर्यवीर दल के प्रांत संचालक उमेद शर्मा, विशिष्ट अतिथि पार्षद संजय जांगड़ा एवं आर्यवीरदल चरखी दादरी के समस्त सदस्यों की गरिमामयी उपस्थिति में स्वामी सच्चिदानंद के निर्देशन में व्यायाम शिक्षक नारायण आर्य एवम् रोहित आर्य के नेतृत्व व कुशल प्रशिक्षण में शिक्षित शिविरार्थियों ने संगीत के साथ सर्वांगसुंदर व्यायाम, सूर्यनमस्कार, भूमि नमस्कार, नियुद्धम, भाला, तलवार, योगासन, योग पिरामिड, नानचाकू आदि अनेक व्यायाम की कलाओं का बेहतरीन प्रदर्शन समापन समारोह में आए अतिथियों एवम् दर्शकों के सामने किया। आर्यवीरों के इतने बेहतरीन प्रदर्शन को देख दर्शक दीर्घा ने दातों तले उंगली दबा ली।
संस्कारों के अभाव में आज हमारी युवा पीढ़ी भटक रही है
इस अवसर पर व्यायाम शिक्षक नारायण आर्य एवम् रोहित आर्य ने कोल्हापुरी तलवार का बेहतरीन प्रदर्शन किया और नारायण आर्य ने लोहे के मोटे मोटे सरिए गले और आंख से मोड़ कर सबका दिल मोह लिया।प्रदर्शन को देख मुख्य अतिथि उमेद शर्मा ने कहा कि आर्यवीरों के अनुशासित प्रदर्शन को देख यह तो स्पष्ट है कि इन दस दिनों में इन आर्यवीरों ने बहुत ही सघन प्रशिक्षण प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि आज कि युवा पीढ़ी को संस्कारों की अत्यंत आवश्यकता है। संस्कारों के अभाव में आज हमारी युवा पीढ़ी भटक रही है।
आर्यवीर दल इन शिविरों के माध्यम से युवाओं को व्यायाम के साथ साथ संस्कारों एवम् संस्कृति से जोडऩे का कार्य निरंतरता के साथ कर रहा है। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य सुखवीर सांगवान एवम् सहायक प्रबंधन अजय सांगवान ने आर्यवीर दल और स्वामी सच्चिदानंद का इस बेहतरीन व्यायाम प्रशिक्षण और बच्चों को संस्कार से सृजित करने के लिए बहुत बहुत आभार अभिव्यक्त किया।स्वामी सच्चिदानंद ने बताया कि इस शिविर में लगभग सवा सौ शिविरार्थियों ने पूरे शिविर में पूर्ण अनुशासन में रहकर नरेश पहलवान, मित्रसेन, भूपेंद्र आर्य रामलवास की व्यवस्थाओं में रहकर सघन प्रशिक्षण प्राप्त किया। अंत में शिविर में भाग लेने वाले सभी आर्यवीरों को प्रशस्ति पत्र एवं साहित्य भेंट कर सम्मानित किया।