- शहर में बढ़ रही आवारा कुत्तों की संख्या पर लगेगा अंकुश
(Chandigarh News) जीरकपुर। पिछले करीब 8 महीने से बंद पड़ा आवारा कुत्तों की नसबंदी करने के लिए बनाया गया अस्पताल शनिवार को फिर से शुरू हो गया है। इस अस्पताल में नसबंदी का काम शुरू करने के लिए एनओसी की जरूरत होती है जिसे कुछ महीने पहले अप्लाई किया गया था नियमों के अनुसार एनओसी अप्लाई करने के बाद नसबंदी का काम शुरू किया जा सकता था लेकिन नगर कौंसिल जीरकपुर तथा स्टेरलाइजेशन का ठेका लेने वाली कावा संस्था के आपसी तालमेल की कमी के चलते इस काम को शुरू नहीं किया जा सका। लेकिन अब कावा संस्था के पास एनओसी आने के बाद इस काम की शुरुआत हो चुकी है और नगर कौंसिल की टीम तथा कावा संस्था की टीम द्वारा आज शालीमार एनक्लेव ढकोली में से 9 आवारा कुत्तों को पकड़कर यहां पर लाया गया है। नियमों का पालन करते हुए इन कुत्तों की नसबंदी करके उसी जगह पर छोड़ा जाएगा जहां से इन्हें उठाया गया है। इन कुत्तों को पकड़ने के लिए सभी नियमों का पालन किया जा रहा है।
दूसरी और कावा संस्था द्वारा नगर कौंसिल से मांग की गई थी के उनके कर्मचारियों के रहने के लिए एक कमरे की भी जरूरत है जो की नगर परिषद द्वारा तैयार करवा कर संस्था को सौंप दिया गया है। अस्पताल के अंदर साफ सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखा जा रहा है। सेनेटरी इंस्पेक्टर रामगोपाल ने बताया कि 8 महीने पहले 239 कुत्तों की नसबंदी की गई थी।हमें आवारा कुत्तों की स्टेरलाइजेशन करने के लिए एनओसी मिल चुकी है। इसके बाद हमने आवारा कुत्तों की स्टेरलाइजेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है और नगर परिषद जीरकपुर की मदद से कुत्तों को पकड़ना शुरू कर दिया है।