(Chandigarh News) चण्डीगढ़। आज समाज। चण्डीगढ़ केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल के मुख्य मीडिया सलाहकार सुदेश कटारिया ने कहा की पूरे देश में आज हरियाणा विकास मॉडल की चर्चा बेहतर उदाहरण के तौर पर दी जा रही है। वह इसलिए नहीं की हमने तेजी से आधुनिक विकास किया है। इस मॉडल की सबसे बड़ी खूबसूरती समाज के सबसे अंतिम व्यक्ति को समानता का सम्मान दिलाना है। जिसका सबसे बड़ा प्रमाण नो पर्ची नो खर्ची की पवित्र सोच से मैरिट के आधार पर दलित परिवारों के हजारों युवाओं को मिली नौकरी है।

सुदेश कटारिया भिवानी में अंबेडकर प्रोफेसर एसोशिएशन आफ हरियाणा द्वरा आयोजित सम्मान समारोह में समाज के लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा की 2014 में जब मनोहर लाल हरियाणा के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने राजनीति रिवायत में बदलाव करते हुए अंत्योदय उत्थान की ओर कदम बढ़ाया। इस कदम का सबसे ज्यादा फायदा समाज में अंतिम पंक्ति में खड़े दलित वर्ग को मिला। मिशन मेरिट से दलितों को सबसे ज्यादा नौकरियां मिली तो ट्रिपल इंजन की सरकार में दलितों का राजनीति प्रतिनिधित्व बढ़ा। सुदेश कटारिया ने हाथ जोड़कर महिलाओं, बुजुर्गों व युवाओं के स्वागत का हाथ जोड़कर अभिवादन किया। इसके साथ ही शिक्षा बोर्ड की एससी-एससी यूनियन के साथ बैठक की और उनकी समस्याएं सुनी। वहीं, श्री बाला जी कराटे एकाडमी द्वारा आल इंडिया ओपन कराटे चैंपियनशिप में पदक विजेताओं के सम्मान समारोह में बतौर मुख्यातिथि शिरकत की।

सुदेश कटारिया ने कहा कि प्रदेश में तीसरी बार प्रचंड बहुमत की सरकार बनी है। इसमें दलित वर्ग का सबसे बड़ा योगदान रहा है। साथ ही, पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल की जनकल्याणकारी नीतियां भी आधार बनी हैं। जिसे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने लोकसभा चुनाव में जरूर दलितों को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन विधानसभा चुनाव में दलितों ने कांग्रेस के झूठ का वोट के जरिये मुंह तोड़ जवाब देते हुए भाजपा की तीसरी बार सरकार बनाई। कटारिया ने कहा कि अभी हाल ही में संपन्न हुए नगर निगम, नगरपरिषद और पालिका चुनाव में भी दलित वर्ग का प्रतिनिधित्व बढ़ा है। राजनीतिक हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए एकजुटता भी जरूरी है, तभी दलितों व वंचित वर्ग का सम्मान बढ़ेगा।

अब घरानों की राजनीति नहीं, जन सम्मान की राजनीति का दौर

सुदेश कटारिया ने कहा कि हरियाणा की राजनीति पर घरानों का राज था, लेकिन वर्ष 2014 में भाजपा की सरकार और मनोहर लाल के मुख्यमंत्री बनने के बाद घरानों की राजनीति न केवल समाप्त हुई है, बल्कि राजनीति का नया दौर शुरू हुआ, वह था अंत्योदय उत्थान, मिशन मेरिट और पोर्टल के जरिये घर बैठे योजनाओं का लाभ पहुंचाना। सुशासन और शासन का आधार बने मनोहर मॉडल आज दूसरे प्रदेशों के लिए भी अनुसरण कर रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा भी कई योजनाओं को लागू किया जा रहा है। दलित वर्ग के युवा नौकरी के लिए योग्य तो थे, लेकिन राजनीतिक पहुंच और पर्ची-खर्ची न होने के चलते वे नौकरी नहीं लग पाते थे, मनोहर लाल ने नौकरियों में भाई भतीजावाद, पर्ची-खर्ची की रिवायत को बदलते हुए मिशन मेरिट की शुरुआत की, जिसका सबसे ज्यादा फायदा वंचित वर्ग को मिला।

गरीबों के आवास का सपना होगा पूरा

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के मुख्य मीडिया सलाहकार सुदेश कटारिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा केंद्र में मनोहर लाल को ऊर्जा के साथ आवासन एवं शहरी विकास का जिम्मा सौंपा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक करोड़ आवास देने का लक्ष्य रखा गया है, वहीं रियायती दरों पर शहरी क्षेत्रों में गरीब परिवारों को प्लाट भी मुहैया करवाए जा रहे हैं। इसके साथ ही ग्राम पंचायत में गरीबों को 100-100 गज के प्लाट दिए जा रहे हैं। कटारिया का कहना था कि प्रधानमंत्री सूर्य योजना के तहत गरीबों के घरों में सौलर लगाकर बिजली बिल शून्य करने की भी योजना की शुरुआत की गई है।

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