• रिसोर्ट से उनका करोड़ों का कीमती सामान हुआ चोरी
  • शिकायत के बाबजूद पुलिस नही कर रही कार्रव

(Chandigarh News) जीरकपुर। जीरकपुर में एक मैरिज रिसोर्ट के ऑपरेटर जसदेव सिंह कोछड़ ने रिसोर्ट के ऑनर पर अपने साथ हुए धक्केशाही और रिसोर्ट से उनका कीमती सामान खुर्दबुर्द करने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने जीरकपुर पुलिस और उच्च पुलिस अधिकारियों पर भी उनकी शिकायत पर गंभीरता से रिसोर्ट के ऑनर पर कोई कार्रवाई न करने के भी आरोप लगाए हैं। जसदेव सिंह कोछड़ ने जीरकपुर पुलिस और मोहाली पुलिस में अधिकारियों के खिलाफ मिलीभगत और बिना एफआईआर के जब्त वाहन को छोड़ने की शिकायत अपनी लाइफ और संपत्ति के लिए गंभीर खतरा बताया है। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री, पंजाब राज्य मानवाधिकार आयोग और गृह विभाग से अपील की कि वो इस मामले का तुरंत संज्ञान लें और पुलिस विभाग को तत्काल से उनकी शिकायत पर कार्रवाई करने के दिशानिर्देश जारी किए जाएं ।

सनशाइन गार्डन एंड रिसोर्ट में अपनी व्यवसायिक गतिविधियों का उन्होंने सिलसिलेवार ब्यौरा पेश करते हुए कहा कि जसदेव सिंह कोचर ने बताया कि मेसर्स शेर-ए-पंजाब टेंट डेकोरेटर्स के वो एकमात्र मालिक हैं। वो जीरकपुर में टेंट एंड डेकोरेटर्स का काम करते आ रहे हैं। इस दौरान छत रोड पर सनशाइन गार्डन एंड रिसोर्ट के ओनर भूपिंदर सिंह उनके सुपुत्र श्री संजीत पॉल सिंह से उनकी मुलाकात हुई और उन्होंने उन्हें अपने रिसोर्ट को चलाने की बात की। इसका उनके साथ बाकायदा एक अग्रीमेंट भी हुआ। वो वर्ष 2016 से वहां पर रिसोर्ट चलाते आ रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ महीने पहले सनशाइन गार्डन एंड रिसोर्ट ओनर ने उन्हें रिसोर्ट की अगली बुकिंग न करने की बात कही। जसदेव सिंह कोछड़ ने कहा कि 2016 से “सनशाइन गार्डन” परिसर का स्थायी कब्जा होने और टेंट डेकोर, खानपान और इवेंट सेवाओं सहित वैध व्यवसाय संचालन चलाने में लाखों रुपये का निवेश करने के बावजूद, मुझे न केवल मकान मालिकों द्वारा बल्कि पंजाब पुलिस अधिकारियों के सक्रिय समर्थन और अवैध सहायता से उत्पीड़न, जबरदस्ती और अवैध बेदखली का सामना करना पड़ा है।

12.05.2025 को डीएसपी जसपिंदर सिंह गिल ने दोनों पक्षों को मीटिंग के लिए बुलाया

उन्होंने आगे कहा कि 27.04.2025 को पुलिस सहायता प्राप्त अवैध प्रवेश हुआ। पहली बार, 27.04.2025 को, जीरकपुर पुलिस के एएसआई लाभ सिंह ने बिना वारंट या वैध अधिकार के अवैध रूप से परिसर में प्रवेश किया, जिससे मकान मालिकों को भूनिर्माण को नष्ट करने और अतिक्रमण करने का मौका मिला। यह मेरे द्वारा 26.04.2025 से पुलिस सुरक्षा की मांग करते हुए पहले से की गई लिखित शिकायतों के बावजूद हुआ।12.05.2025 को पुलिस सहायता से उनकी जबरन बेदखली की गई। 12.05.2025 को डीएसपी जसपिंदर सिंह गिल ने दोनों पक्षों को मीटिंग के लिए बुलाया। हैरानी की बात यह है कि उसी दिन शांति बनाए रखने के बजाय मकान मालिकों ने अवैध रूप से बिजली और पानी की आपूर्ति काट दी और पुलिस की मदद से मेरे कर्मचारियों को जबरन परिसर से बाहर निकाल दिया।

बिना किसी कोर्ट के आदेश के मेरे कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया गया, जो कानून और मौलिक अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है। दिनांक 17.05.2025 को मध्य रात्रि (लगभग 11:50 बजे) मुझे परिसर के अंदर संदिग्ध गतिविधि के बारे में सूचित किया गया। वहाँ पहुँचने पर, मैंने देखा कि एक बड़ी चोरी चल रही थी, जिसमें 4-5 ट्रक सामान को पीछे के गेट (एफ़िनिटी बेलग्रेविया बिल्डर्स कॉम्प्लेक्स) से निकाला जा रहा था। इस ऑपरेशन का नेतृत्व मकान मालिकों और उनके सहयोगी सी.एस. बक्शी ने कई वाहनों का उपयोग करके किया, जिनमें शामिल हैं:-महिंद्रा पिकअप ट्रक PB65A58315 परिसर से काले रंग की टेंट सामग्री से भरा हुआ चोरी हो गया। टोयोटा कोरोला PB65AA0022, पजेरो एसयूवी CH01BF0100, टोयोटा हिलक्स CHA 5588-निगरानी और सहायता के लिए उपयोग किया जाता है।

पुलिस हेल्पलाइन 112 पर मेरे तत्काल कॉल करने और गश्ती दल के 12:30 बजे तक पहुंचने के बावजूद, पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करने से इनकार कर दिया। गहन अनुनय-विनय के बाद ही महिंद्रा वाहन की चाबियाँ पुलिस स्टेशन जीरकपुर ले जाई गईं और इसकी चाबियाँ सुबह 3:00 बजे मुंशी करमजीत को सौंपी गईं। वाहन उक्त मैरिज पैलेस में ही पार्क किया गया था। कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई- वाहन 08.06.2025 को गुप्त रूप से छोड़ दिया गया।
चौंकाने वाली बात यह है कि चोरी और आपराधिक अतिक्रमण के इस बड़े कृत्य को साबित करने वाले भारी मात्रा में दस्तावेजी साक्ष्य, फोटोग्राफिक सबूत और प्रत्यक्षदर्शी खातों के बावजूद, संबंधित पुलिस अधिकारियों द्वारा कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई।

सबसे परेशान करने वाली बात यह है कि 17.05.2025 की रात को पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में जब्त किए गए महिंद्रा पिकअप ट्रक को 08.06.2025 (सोमवार) को पुलिस स्टेशन जीरकपुर से चुपचाप चाबियाँ वापस करने के बाद, बिना किसी कानूनी प्रक्रिया या दस्तावेजीकरण के परिसर से गुप्त रूप से छोड़ दिया गया। यह ज़बरदस्त कृत्य न केवल गंभीर प्रक्रियात्मक उल्लंघनों को रेखांकित करता है, बल्कि स्थानीय पुलिस तंत्र के भीतर मिलीभगत, पक्षपात और संभावित भ्रष्टाचार के स्पष्ट पैटर्न को भी उजागर करता है, जिसका उद्देश्य आरोपी मकान मालिकों को बचाना है।

26.04.2025 से लेकर आज तक डीजीपी पंजाब, एसएसपी मोहाली, डीएसपी और एसएचओ जीरकपुर समेत सभी स्तर के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को एक दर्जन से अधिक शिकायतें और ज्ञापन भेजने के बावजूद, दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। शक्तिशाली जमींदारों और समझौतावादी पुलिस कर्मियों के इस गठजोड़ के कारण मेरी जान, स्वतंत्रता और संपत्ति लगातार खतरे में रहती है।उन्होंने आगे कहा कि वो पंजाब के मुख्यमंत्री, पंजाब राज्य मानवाधिकार आयोग और गृह विभाग से तत्काल अपील करते हैं कि वो इस मामले का तुरंत संज्ञान लें।वही उन्होंने अपनी मांग रखते हुए कहा कि वो रिसोर्ट ओनर हैं। वो उनकी प्रोपर्टी है, मैं तो महज एक तरह से प्रोपर्टी ऑपरेटर था, प्रोपर्टी उनकी थी, है और रहेगी। वो सिर्फ इतना ही चाहते हैं कि वो उनके द्वारा रिसोर्ट मे की गई उनकी करोडों की इन्वेस्टमेंट लौटा दें।

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