• उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की वार्षिक कला कार्यशालाओं में 200 से अधिक बच्चों ने बिखेरी अपनी प्रतिभा की चमक

(Chandigarh News) चंडीगढ़। टैगोर थिएटर का प्रांगण प्रतिभा, जोश और रचनात्मकता से जगमगा उठा। उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा आयोजित वार्षिक कला कार्यशालाओं के समापन अवसर पर 200 से अधिक बच्चों और युवाओं ने रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधानों में प्रस्तुतियों से समां बाँध दिया।लूडी, झूमर, गिद्दा और भांगड़ा जैसे लोकनृत्य, जूनियर और सीनियर दोनों वर्गों के बच्चों द्वारा इतनी संजीदगी से प्रस्तुत किए गए कि पूरा वातावरण उल्लास और गर्व से भर उठा। बच्चों की ऊर्जा, आत्मविश्वास और समर्पण ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यशालाओं में अनुभवी कला प्रशिक्षकों ने प्रतिभागियों को न सिर्फ तकनीक सिखाई, बल्कि उन्हें लोक कला के प्रति समर्पण और अनुशासन से भी जोड़ा। पिछले 25 वर्षों से यह सालाना कार्यक्रम कला प्रेमियों की विशेष प्रतीक्षा का केंद्र बना हुआ है।बाहर लगी आर्ट गैलरी में पेपरमैशी और क्ले मॉडलिंग की उत्कृष्ट कृतियाँ भी दर्शकों की प्रशंसा बटोर रहीं थीं। बच्चों के साथ आए परिजनों और शहरवासियों ने कलाकारों की मेहनत और रचनात्मकता को भरपूर सराहा।

उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र का यह कार्यक्रम न केवल बच्चों की प्रतिभा को मंच देता है, बल्कि भारतीय लोक कलाओं की विरासत को नई पीढ़ी तक पहुँचाने में भी एक सेतु का कार्य करता है। इस बार भी यह आयोजन सफलता और सार्थकता का प्रतीक बना।बधाई उन सभी नन्हे कलाकारों को जिन्होंने भविष्य की सांस्कृतिक रोशनी को आज अपनी प्रस्तुतियों से प्रज्वलित किया।

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