Chandigarh News: पंजाब विजिलेंस द्वारा दर्ज किए गए ड्राइविंग लाइसेंस घोटाले में नामजद किए गए मोहाली के आरटीओ प्रदीप कुमार ढिल्लों को मोहाली जिला अदालत से झटका लगा है। अदालत ने उनके द्वारा जमानत के लिए दाखिल की गई याचिका खारिज कर दी है। वहीं, उन पर गिरफ्तारी की तलवार अटकी हुई है। एक मई तक विजिलेंस ने पहले ही उनके गिरफ्तारी वारंट हासिल किए हुए हैं।
जानकारी के मुताबिक, 7 अप्रैल को रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (RTA) के दफ्तरों और ड्राइविंग टेस्ट केंद्रों पर छापेमारी की गई। इस दौरान रिश्वतखोरी और अन्य खामियों में शामिल 24 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। इस दौरान कुल 16 FIR दर्ज की गईं और अधिकारियों ने एजेंटों से 40 हजार 900 रुपए कैश बरामद किए।
सरकार ने दावा किया है कि यह राशि ड्राइविंग लाइसेंस, टेस्ट और अन्य सेवाएं दिलवाने के एवज में वसूल की जाती थी। इसके बाद विजिलेंस ब्यूरो ने दर्ज एफआईआर नंबर 8 में नामजद कर लिया था। यह एफआईआर 7ए, पीसी एक्ट 61 2 बीएनएस एक्ट के तहत दर्ज है।
इस घोटाले में सीएम भगवंत मान ने खुद एक्शन लेते हुए विजिलेंस के चीफ डायरेक्टर ADGP एसपीएस परमार, फ्लाइंग स्क्वॉयड AIG स्वर्नदीप सिंह और जालंधर विजिलेंस ब्यूरो SSP हरप्रीत सिंह को सस्पेंड कर दिया था। ड्राइविंग लाइसेंस घोटाले से जुड़े मामले में यह कार्रवाई की गई है। विजिलेंस चीफ एसपीएस परमार 1997 बैच के सीनियर IPS अधिकारी हैं।
उन्हें 26 मार्च को विजिलेंस डायरेक्टर नियुक्त किया गया था। तब सरकार ने जी. नागेश्वर राव को हटाया था। उस वक्त परमार लॉ एंड ऑर्डर थे। इनकी जगह 1994 बैच के अधिकारी एनआरआई प्रवीण कुमार को विजिलेंस ब्यूरो की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा, वह इंटेलिजेंस की भी जिम्मेदारी संभालेंगे।