Chandigarh News: आज समाज चण्डीगढ़ भारतीय जनता पार्टी  के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व् पूर्व मेयर अरुण सूद के भांजे ईशान सूद और उनके अन्य तीन दोस्तों रीत, ऋषभ और कुशाग्र की स्मृति में स्वयंसेवी संस्था रीशान फाउंडेशन द्वारा आगामी 18 मई को सेक्टर 19 के सामुदायिक केंद्र में विशाल रक्तदान शिविर, एवं स्वयं इच्छा से नेत्रदान और अंगदान  के लिए रजिस्ट्रेशन शिविर का आयोजन किया जा रहा है, जिसका वर्चुअल उद्घाटन पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया के द्वारा होगा |
संस्था द्वारा लगाए जा रहे शिविर की जानकारी प्रदान करते हुए मेजर आर एस विर्क, संजीव सूद एवं अरुण सूद ने बताया कि ये शिविर 18 मई, रविवार सुबह 8.30 बजे से लेकर शाम 3.00 बजे तक सेक्टर 19 के सामुदायिक केंद्र मे चलेगा | इस शिविर में लोगों की तादाद को भांपते हुए इसको मुख्यतः 3 भागों में बांटा गया है | इसके लिए एक टीम पीजीआई चंडीगढ़, एक टीम गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल सेक्टर 32 और एक टीम गवर्नमेंट हॉस्पिटल सेक्टर 16 से रक्तदान तथा नेत्रदान और अंगदान के लिए रजिस्ट्रेशन के लिए बुलाई गयी है |
उन्होंने रीशान फाउंडेशन की स्थापना और उसके द्वारा किये जा रहे सामाजिक कार्यों के प्रति जानकारी देते हुए कहा कि गत 18 मई 2024 को ईशान सूद, रीत, ऋषभ और कुशाग्र जोकि पटियाला में राजीव गाँधी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के छात्र थे, इन सभी का एक दुखद सड़क हादसे में स्वर्गवास हो गया था | इन सभी की याद में उनके अभिभावकों मेजर आर एस विर्क, संजीव सूद और अरुण सूद  और समस्त परिजनों और दोस्तों ने ये तय किया कि इन दिवंगत आत्माओं के नाम पर स्वयंसेवी संस्था को बनाया जाये ताकि समाज से जुड़े कार्यों को करके उनको सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सके |
समाज सेवा की श्रृंखला में संस्था ने सबसे पहले ईडब्लूएस मलोया के स्माल फ्लैट में एक परिवार के 4 अनाथ गरीब बच्चों की जिम्मेदारी उठाई | संस्था को जानकारी प्राप्त हुई कि मलोया में 4 गरीब बच्चों के सर से माँ बाप का साया उठ गया था और उनके घर में एक लड़की 17 वर्ष, एक लड़का 14 वर्ष और दो छोटे लड़के 12 वर्ष के हैं और उनकी बड़ी बहन लोगों के घरों में काम करके उनको खाना तक भी नहीं खिला पा रही थी | ऊपर से हाउसिंग बोर्ड द्वारा उन पर मकान की किश्तों की  बकाया राशि और आगे की किश्तों को न भर पाने की सूरत में उनके मकान की अलाटमेंट को रद्द करने का नोटिस थमा दिया गया | जब ये मामला रीशान फाउंडेशन के सामने आया तो उन्होंने  ये तय किया कि किसी के सर से छत न जाए और उनका पालन पोषण भी अच्छे से हो और खान पान और शिक्षा भी प्रदान की जाए | संस्था ने निर्णय लिया कि वे लोग न केवल उनका बकाया राशि जमा करवाएंगे बल्कि उनकी आगे की मकान की किश्तों को भरेंगे और सभी बच्चों को शिक्षा, मासिक राशन, कपडा आदि सभी सुविधाएँ प्रदान करेंगे | इस नेक कार्य को करके संस्था  ने दिवंगत आत्माओं की शान्ति के लिए एक नयी शुरुआत की है और ये अब लगातार चलती रहेगी और समाज से जुड़े भांति भांति के सामाजिक कार्यों को  संस्था करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी |