- प्रेम, विरह और आत्मिक बंधन की अनकही कहानी को मिली साहित्यिक अभिव्यक्ति
(Chandigarh News) चंडीगढ़। एक भावनात्मक साहित्यिक आयोजन के तहत लेखक और पेट्रोलियम उद्योग से सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी हरप्रीत सिंह ‘प्रीत’ के प्रथम उपन्यास ‘ये इश्क नहीं आसां गुज़रे हुए वक़्त की एक दर्द भरी दास्तान’ का विमोचन किया गया।इस अवसर पर विशेष अतिथि के तौर पर नवदीप सिंह गिल; फ़िल्म निर्माता एवं अभिनेता: रोमेश पंडिता; प्रकाशक एवं सीईओ, फ्लिपिंग पेजेस तुष्टि भाटिया ने शिरकत की जबकि इस विमोचन कार्यक्रम में लेखक की माता इकबाल कौर; पत्नी हरप्रीत कौर, भाई दिलप्रीत सिंह; भाभी अविंदर कौर; पुत्र सुप्रीत सिंह; पुत्रवधू अदिति शर्मा सचदेवा; भतीजा अंकप्रीत सिंह उपस्थित रहे।
वर्ष 2010 से ही वे मैराथन में सक्रिय भागीदारी कर रहे हैं और अपनी एक और गहरी रुचि — लेखन — को पूरी तरह समर्पित कर चुके हैं
हरप्रीत सिंह ‘प्रीत’ अपनी ज़िंदगी की दूसरी पारी को भरपूर आनंद और रचनात्मकता के साथ जी रहे हैं। वे इन दिनों पंजाब के मोहाली में निवास कर रहे हैं। पिछले पाँच वर्षों को उन्होंने केवल विश्राम में नहीं बिताया। वर्ष 2010 से ही वे मैराथन में सक्रिय भागीदारी कर रहे हैं और अपनी एक और गहरी रुचि — लेखन — को पूरी तरह समर्पित कर चुके हैं। उन्होंने पंजाबी, हिंदी और उर्दू में 50 से अधिक कविताओं के वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर प्रस्तुत किए हैं। उनकी 12-एपिसोड की सीरीज “ग़ालिब से गुफ्तगू” को विशिष्ट शैली और प्रस्तुति के लिए विशेष सराहना मिली है। रिश्ते हों, मानवता, स्वास्थ्य, पर्यावरण या प्रेम — हरप्रीत जी ने हर भावना को अपनी लेखनी से छूने का प्रयास किया है।
पिछले छह महीनों में उनकी तीन लघु कहानियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं और अब उनका पहला उपन्यास ‘ये इश्क नहीं आसां – गुज़रे हुए वक़्त की एक दर्दभरी दास्तान’ प्रेम को एक नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत करता है।इस अवसर पर हरप्रीत सिंह ‘प्रीत’ ने बताया कि उपन्यास एक ऐसे अनछुए विषय को स्पर्श करती है जिसमें प्रेम है, लेकिन पारंपरिक सीमाओं से परे। यह दो दिलों की कहानी है जो मिल नहीं पाते, फिर भी एक पवित्र आत्मिक संबंध में बंध जाते हैं।
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