Chandigarh news: (आज समाज): चंडीगढ श्री कृष्ण प्रिया जू संकीर्तन मंडल के तत्वाधान में  सेक्टर 34 के मेला ग्राउंड में वृन्दावन प्राक्टय उत्सव और श्री मद भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है । कथा के तीसरे दिन कथावाचक श्री इंद्रेश महाराज  जी ने शरद पूर्णिमा की असल महिमा का गुणगान किया, उन्होंने कहा कि वृंदावन स्वयं श्री कृष्ण है, और शरद पूर्णिमा की चंद्रमा साक्षात् किशोरी  है, किशोरी जी जब शरद पूर्णिमा पर प्रकट होती है तो वृंदावन का रस अलग ही होता है, क्योंकि शरद पूर्णिमा पर श्री कृष्ण का किशोरी जी से मिलन उत्सव होता है उस दिन चंद्रमा अपने प्रकाश व छांव से पूरे वृंदावन को रसयुक्त कर देता है।
कथा में मीरा बाई के मार्मिक चरित्र की चर्चा हुई, उन्होंने कहा कि बाई सा के चरित्र में ज्ञान, विलास नहीं है सिर्फ प्रेम ही प्रेम है, एक खास बात बताई कि राजस्थान में मीरा बाई नहीं कहते बाई सा बोलते है, उन्होंने ने कहा जब भागवत पथ पर चलते है तो प्रयास करना चाहिए कि आचार्यों के भी स्पष्ट नाम नहीं लेने चाहिए, उनको बाई सा बोल कर संबोधित करना चहिए ।
प्रसिद्ध भागवत वक्ता आचार्य श्री पुंडरीक गोस्वामी जी महाराज की पत्नी रेणुका गोस्वामी भी आज कथा में पहुंची उनके साथ उनकी माता हर्ष शर्मा भी कथा में पहुंची। निमाई पाठशाला के बच्चे भी उनके साथ कथा श्रवण करने आए ।
साथ ही श्री इंद्रेश महाराज जी ने धर्म ओर परमधर्म की बहुत सुंदर परिभाषा दी, उन्हें ने बताया कि खुद से, रिश्ते संबंधियों व संसार से प्रेम करना धर्म कलाता है और जिसने पूरा संसार बनाया उनसे प्रेम करना हमारा परमधर्म है ।
प्रेम वो है जो प्रेमी से कभी शिकायत न करे, जब100 वर्ष बाद ठाकुर जी किशोरी जी से कुरुक्षेत्र में मिले थे तब किशोरी जी की आंखों में कोई शिकायत नहीं थी, सिर्फ प्रेम था Iउसके बाद पूरे रीति रिवाज के साथ राधा रमन हरि बोल से कथा की शुरुआत हुई। विश्व विख्यात कथा व्यास परम पूज्य श्री इंद्रेश महाराज ने कहा कि गायक बी प्राक के प्रयत्नों से चंडीगढ़ अब वृंदावन बन गया है।
परम पूज्य श्री इंद्रेश महाराज ने कथा वर्णन में गोपी नाथ जी के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि किस्मत वाले लोगों को सत्संग सुनने को मिलता है और सत्संग में सुनी बातों को हमे अपने जीवन में लागू करना चाहिए।
इस अवसर पर गायक बी प्राक ने बताया कि इस भागवत कथा में देश के जानेमन संत पहुंच रहे है। गायक बी प्राक ने सभी संतों को कोटि कोटि प्रणाम करते हुए कहा कि मैं बहुत भाग्यशाली हूं जो मुझे इस कार्यक्रम का आयोजन करने और महान संत महात्माओ की सेवा करने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि यह कथा आयोजन 3 अक्टूबर तक रोजाना दोपहर 3 बजे से 7 बजे तक चलेगा। उन्होंने लोगों से परिवार सहित इस कथा में आने की अपील की।