Chandigarh news:(आज समाज): अंतरराष्ट्रीय फार्मा महासंघ (आईपीएफ) की बैठक में औषधि उद्योग से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक में औषधि नियंत्रक हरियाणा ललित गोयल, महासंघ के महासचिव नीरज गिरी और प्रवक्ता सुरेंद्र राठी उपस्थित रहे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य हाल ही में लागू हुए माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिवर्तनों के औषधीय मूल्य निर्धारण और अनुपालन पर पड़ने वाले प्रभाव की समीक्षा करना था।
हरियाणा ड्रग कंट्रोलर से मुलाकात कर GST कि दर कम होने पर चर्चा की इस पर हरियाणा स्टेट ड्रग कंट्रोलर श्री ललित कोयल ने कहा जो स्टॉक  का आपके पास अवेलेबल है
उस पर स्टीकर लगाना अनिवार्य नहीं है  उसको बेच सकते हो उस पर mrp का स्टिकर लाना अनिवार्य नहीं है।
बैठक के बाद महासचिव नीरज गिरी ने सभी कंपनियों के सदस्य  लिए विस्तृत जानकारी देते हुए सभी सदस्यों को संशोधित अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) सूची प्रपत्र-5 (आईपीएफ प्रारूप) में प्रस्तुत करनी होगी।
22 सितंबर 2025 तक उपलब्ध गोदामों के भंडार पर पुनः-लेबलिंग या पुनः-स्टिकर चिपकाना अनिवार्य नहीं होगा।
सभी बिलों में स्पष्ट रूप से उल्लेख करना होगा कि बिल घटे हुए जीएसटी के अनुसार बनाए गए हैं और रोगियों को कम हुए एमआरपी का पूरा लाभ दिया जाए।‌
22 सितंबर के बाद के बिलों में पुराने और नए दोनों अधिकतम खुदरा मूल्य स्पष्ट रूप से दर्शाने होंगे। निर्माण अथवा प्रसंस्करण में चल रहे उत्पादों पर जारी करने से पहले नए जीएसटी मानकों का पालन आवश्यक होगा। घटे हुए अधिकतम खुदरा मूल्य से जुड़ी जानकारी का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए और जहाँ संभव हो थोक विक्रेताओं व प्राप्तकर्ताओं से पुष्टि ली जाए।
श्री ललित गोयल ने स्पष्ट किया कि इन दिशा-निर्देशों का पालन रोगी हित और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य है। किसी भी स्पष्टीकरण के लिए सदस्य वाट्सऐप या इलेक्ट्रॉनिक डाक pharmafederationorg@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं।