Chandigarh news: शहर में अवैध निर्माण करने का काम धड़ल्ले से जारी है, भले सरकार भ्र्ष्टाचार को खत्म करने के बड़े बड़े दावे ठोक रही है। लेकिन नगर परिषद के अधिकारी भ्र्ष्टाचार की हर हद पार कर चुके है। जीरकपुर नगर परिषद के अधिकारियों को ना तो सरकारी नियमों की परवाह है और ना ही सरकार व आला अधिकारियों की।
दयालपुरा क्षेत्र में एक अवैध तरीके से बिल्डिंग (पीजी) बनाया जा रहा है। जिसकी शिकायत मिलने के बाद नगर परिषद के अधिकारियों ने बीते कुछ दिन पहले 195 डी का नोटिस निकाल कर उस बिल्डिंग को सील कर दिया था और वहां दो नोटिस चस्पा किए गए हैं, एक नोटिस में लिखा है के आप द्वारा प्लाट नंबर 30 में मंजूर नक्शे के उलट ज्यादा निर्माण करते हुए यहां फ्लैट बनाए गए हैं और उनकी सीढ़ियां भी कॉमन रखी गई है।
जोकि पंजाब मुनीसिंपल एक्ट 1911 की धारा 195 डी की उलंघना है। जिसके तहत यह बिल्डिंग सील की गई है। वहीं दूसरे नोटिस में लिखा है के नगर परिषद के आदेशों के मुताबिक आप द्वारा यह बिल्डिंग अवैध तरीके से बनाई जा रही है। जिसके चलते इस बिलडिंग को सील किया जा रहा है।
नियमों की उलंघना करने वाले और सील तोड़ने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पहले नोटिस में यह भी लिखा गया है के 7 दिनों के अंदर अंदर अपना सपस्टिकरण दिया जाए। लेकिन हैरानी की बात सपस्टिकरण देने की बजाए बिल्डिंग की सील तोड़ कर अंदर काम किया जा रहा है।
यह इस बात की तरफ इशारा करता है कि या तो नगर परिषद के अधिकारी इतने लापरवाह है के बिल्डिंग सील करने के बाद ध्यान ही नहीं देते या फिर खुद ही भ्र्ष्टाचार में लिपित होकर अंदर ही अंदर काम करने के लिए बोल देते हैं। जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। या फिर ऐसे निर्माणकर्ताओं व भृष्ट अधिकारीयों खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।

नगर परिषद में केवल दो ही बिल्डिंग इंस्पेक्टर, एक तो अक्सर रहते हैं नादर्द

नगर परिषद जीरकपुर के अधीन बहुत सारे निर्माण कार्य चल रहे हैं और अवैध निर्माण को रोकने के लिए केवल दो ही बिल्डिंग इंस्पेक्टर है। दोनों द्वारा जीरकपुर को दो हिस्सों में बांटकर काम किया जा रहा है। चंडीगढ़ अंबाला कि एक तरफ अजय बराड़ और दूसरी तरफ शिवानी बंसल का देखती है।
लेकिन हैरानी की बात है के शिवानी बंसल के पास जीरकपुर के लिए दो दिन तय किए हुए हैं, उन दो दिनों में वह हाई कोर्ट में व्यस्त होती है, लोग शिकायतें कर कर के थक जाते हैं ना तो लोगों की समस्याओं का हल किया जाता है और ना ही लोगों का फोन उठाया जाता है।
नगर परिषद में प्रॉपर बिल्डिंग इंस्पेक्टर ना होने के कारण ही अवैध निर्माण धड़ल्ले से चल रहे हैं। लोगों की समस्या को देखते हुए या तो डियूटी का समय पूरा दिया जाए या फिर नए बिल्डिंग इंस्पेक्टर तैनात किए जाने चाहिए। बिल्डिंग इंस्पेक्टर की कमी के चलते वीआईपी रोड पर भी कई पीजी बन रहे हैं और अवैध निर्माण हो रहे हैं, जिनकी तरफ कोई ध्यान नही दे रहा। लोग शिकायतें कर कर के थक चुके हैं। वीआईपी रोड पर भी कई बिल्डिंगों की सील तोड़कर उन पर भी काम किया जा रहा है।
शहर में जो भी बिल्डिंग कानून व नियमों के हिसाब से बनेगी उसे ही बनने दिया जाएगा। सरकारी सील लगाने का मतलब होता है जिसे बिना आदेशों के कोई अपने आप नहीं खोल सकता है। यदि किसी ने ऐसा किया है तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।