Chandigarh news: (आज समाज): भबात क्षेत्र की पंचायत भूमि, जिस पर अदालत का स्टे आदेश लागू है, उस पर मेले की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। ग्रामीणों द्वारा नगर काउंसिल ज़ीरकपुर को लिखित शिकायत देने के बावजूद मेले के प्रबंधक बड़े-बड़े झूले और टेंट लगाने का काम जारी रखे हुए हैं। इसी के विरोध में शनिवार को ग्रामीणों ने मौके पर रोष प्रदर्शन करते हुए नगर काउंसिल और मेले के आयोजकों के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की।
ग्रामीणों—तरलोचन सिंह (प्रधान, भारतीय किसान यूनियन पुਆधा), गुरजीत सिंह, गुरप्रीत सिंह, बलविंदर वर्मा सहित अन्य ने बताया कि पंचायत भूमि पर मेले की अनुमति न देने को लेकर नगर काउंसिल को पहले ही शिकायत सौंपी गई थी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं दूसरी तरफ मेले के आयोजकों ने बिना एनओसी लिए यहां झूले और टेंट खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि नगर काउंसिल की मिलीभगत से मेले की तैयारियां कराई जा रही हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि यह जमीन घनी आबादी के बीच स्थित है। ऐसे में मेले के दौरान भारी भीड़ और ट्रैफिक जाम की स्थिति बनती है, जिससे स्थानीय लोगों और राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उनका कहना है कि दो वर्ष पहले भी यहां बिना अनुमति मेला लगाया गया था, जिसे प्रबंधक बीच में ही छोड़कर चले गए थे।
गौरतलब है कि मेले के आयोजन के लिए पुलिस विभाग, फायर विभाग, ट्रैफिक पुलिस, नगर काउंसिल, बिजली विभाग, स्वास्थ्य और सैनिटेशन विभाग, शोर-प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और फूड विभाग से एनओसी लेना अनिवार्य होता है।

वार्ड पार्षदों की नहीं होती सुनवाई आम जनता का होगा क्या

स्थानीय निवासियों को कहना है कि आम आदमी पार्टी की इस समय पंजाब में सरकार है और आम आदमी पार्टी के तीन वार्ड पार्षदों ने लिखित में शिकायत कार्यकारी अधिकारी को दी है उसके बावजूद मेला लगाने का काम निरंतर जारी है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि लोगों द्वारा चुने हुए वार्ड पार्षदों द्वारा लिखित शिकायत के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं हो रही तो आम लोगों की सुनवाई कहां होगी।
हमने नगर परिषद मंजूरी ली है, जिसके लिए हमने 65 हजार रूपये फीस भी भरी है। बाकी कुछ मंजूरी हमें डीसी मोहाली से मांगी है उसके लिए हमने लिखित में पत्र भेजा हुआ है। सारी मंजूरी आने के बाद नए साल का मेला यहां दस दिन के लिए लगाया जाएगा। जब तक सारी परमिशन नही मिलती हम काम शुरू नही करेंगे।

संजीव कुमार, ऑर्गनाइजर।

हर साल गांव भबात में मेला लगता है और हम उसकी फीस लेते है। अगर इसमें गांव वालो को कोई आपत्ति है, फिर हम इसकी जांच पड़ताल कर के मेले को बंद भी कर सकते हैं।
परविंदर सिंह भट्टी, कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद