Chandigarh News: उपायुक्त  श्रीमती मोनिका गुप्ता ने आज लघु सचिवालय के सभागार में बंधुआ मजदूर  व बाल मजदूर अधिनियम के तहत गठित विजिलेंस कमेटी और बाल श्रम को रोकने के लिए जिला टास्क फोर्स की आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जहां भी बाल मजदूरी के मामले पकडे जाते है उन मामलों में तत्काल नियोक्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाए।
उपायुक्त ने कहा कि जिला में बंधुआ मजदूरी पर पूर्णतः अंकुश लगाने के लिए ईंट-भट्ठो, ढाबों, आदि स्थानों पर नियमित रूप से छापेमारी की जाए और यदि कोई भी बंधुआ मजदूर पाया जाए तो बंधुआ मजदूर अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत उचित कार्रवाई की जाए।
उन्हांेने अधिकारियों को निर्दश दिये कि बाल श्रम की शिकायतों पर कार्रवाई करने के साथ-साथ वे अपने स्तर पर भी ऐसे स्थानों का औचक निरीक्षण करें जहां बच्चों से बाल श्रम करवाया जा रहा हो। उन्होंने निर्देश दिये कि विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर बाल मजदूरी में संलिप्त बच्चों को छुडवाया जाये और बच्चों से जबरन मजूदरी करवाने वालों के विरूद्ध नियमानुसार सख्त कार्रवाही की जायें। साथ ही रेस्क्यू किये गये बच्चों का पुर्नंवास भी सुनिश्चित किया जाये।
उन्होंने बताया कि बाल श्रम (रोकथाम और विनियमन) संशोधन अधिनियम के तहत 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से दुकानों, फैक्ट्रियों, कारखानों, होटल, ढाबो और घरों में काम करवाना अपराध हैं।उपायुक्त ने निर्देश दिये कि बच्चों से जबरन काम करवाने वाले गिरोह को पकड़कर, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाही की जाये। उपायुक्त ने कहा कि बाल श्रम से संबंधित कोई भी मामला आता है तो वे इसकी जानकारी चाईल्ड हैल्प लाईन नंबर 1098 पर दें।
इस दौरान बैठक में बताया गया कि गत माह में मारे गए छापों के दौरान बाल मजदूरी के दो मामले मिले, जिनमें से एक बच्चे को उसके घर वापिस भेज दिया गया तथा दूसरे बच्चे का स्कूल में दाखिला करवाया गया है।
इस अवसर पर अतिरिक्ति उपायुक्त श्रीमती निशा यादव, डीसीपी सृष्टि गुप्ता, एसडीएम पंचकूला चंद्रकांत कटारिया, एसडीएम कालका संयम गर्ग, नगराधीश विश्वनाथ सहित श्रम विभाग के अधिकारी और सीडब्ल्यूसी के सदस्य मौजूद रहे।