(Chandigarh News) चंडीगढ़। चंडीगढ़ के सेक्टर-16 स्थित सरकारी अस्पताल में छह महीने की बच्ची की मौत के बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं।मृतका की पहचान मौलीजागरा निवासी चंचल के रूप में हुई है।परिजनों का कहना है कि अगर डॉक्टर समय पर इलाज करते, तो मासूम की जान बचाई जा सकती थी।
दो दिन पहले भर्ती, सोमवार को मिली छुट्टी
परिजनों के अनुसार चंचल को उल्टी-दस्त की शिकायत थी, जिसके बाद उसे दो दिन पहले सैक्टर-16 अस्पताल में भर्ती कराया गया था।इलाज के बाद सोमवार दोपहर करीब 12 बजे डॉक्टरों ने बच्ची को छुट्टी दे दी।
मंगलवार सुबह बिगड़ी तबीयत, नहीं मिला समय पर इलाज
मंगलवार सुबह करीब 10:30 बजे चंचल की तबीयत अचानक बिगड़ गई।परिजन उसे तुरंत अस्पताल की इमरजेंसी में लेकर पहुंचे।पिता सूरज ने आरोप लगाया कि उन्होंने बार-बार डॉक्टरों से गुहार लगाई, लेकिन किसी ने बच्ची को चेक नहीं किया।लगभग डेढ़ घंटे तक वे इमरजेंसी में मदद के लिए भटकते रहे, और करीब 12 बजे बच्ची ने दम तोड़ दिया।
एसएसपी से की शिकायत, जांच की मांग
परिवार ने घटना की जानकारी तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम को दी और मंगलवार को एसएसपी कंवरदीप कौर से मिलकर लिखित शिकायत भी सौंपी। पिता सूरज ने कहा अगर डॉक्टर समय पर हमारी बच्ची को देख लेते, तो आज वह हमारे साथ होती। किसी ने हमारी बात नहीं सुनी।
अस्पताल प्रशासन चुप, जवाब का इंतजार
घटना के बाद अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।इस मामले में जब चंडीगढ़ दिनभर ने सेक्टर-16 अस्पताल की डायरेक्टर डॉ. सुमन सिंह से संपर्क किया तो उन्होंने कहा, मामला अभी मेरे संज्ञान में नहीं है, मैं तुरंत इसकी जांच करवाती हूं।
सवाल जो जवाब मांगते हैं:
• इमरजेंसी में समय पर इलाज क्यों नहीं मिला?
• डिस्चार्ज के अगले ही दिन बच्ची की तबीयत क्यों बिगड़ी?
• क्या अस्पताल प्रशासन जिम्मेदारी तय करेगा या मामला दबा दिया जाएगा?
यह सिर्फ एक बच्ची की मौत का मामला नहीं है, बल्कि सरकारी अस्पतालों की कार्यशैली और जवाबदेही पर बड़ा सवाल है। अब देखना यह है कि जांच होती है या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह कागजों में दफ्न होकर रह जाएगा।
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