(Chandigarh News) जीरकपुर। पिछले आठ महीनों से एस्टीपी की रिपेयर चल रही है और अब वह आखरी पड़ाव में है। एस्टीपी के एक टैंक में कुल 150 डिफुजर लगाए जाएंगे जो की 1 करोड़ 27 लाख रूपये की लागत से लगाएं जाएंगे और एक डिफुजर की कीमत 8500 रूपये बताई जा रही है। जो आने वाली 15 जुलाई तक आ जाएंगे। जिन्हें डालने के बाद एक टैंक में बेक्टिरिया पैदा किया जाएगा। एक टैंक में बेक्टिरिया को पैदा होने में दो स्वागत ढाई महीने लगते हैं। जब एक टैंक में बेक्टिरिया पैदा हो जाएंगे तो उन्हें दूसरे टैंक में शिफ्ट करके एस्टीपी चालू कर दिया जाएगा। जिसके बाद एस्टीपी प्रॉपर चालू कर दिया जाएगा। जिसके बाद शहर का दूषित पानी ट्रीट करने के बाद ही घग्गर नदी में गिराया जाएगा। बता दें के इससे पहले बिना ट्रीट किए सीवरेज का दूषित पानी रिपेयर के चलते घगगर नदी में गिराया जा रहा है।

सबसे बड़ी बात यह है के नगर परिषद जीरकपुर जिसकी आबादी छह लाख से ऊपर है के पास केवल 17. 3 एमएलडी केवल एक ही एसटीपी है जो पुरे शहर के लिए काफी नही है। जिस समय 17.3 एमएलडी का एसटीपी का लगाया गया था उस समय शहर की आबादी एक लाख के आसपास थी। लेकिन मौजूदा समय की बात करें तो शहर की आबादी 6 लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है। इस हिसाब से शहर में कम से कम 6 एसटीपी होने चाहिए ताकि शहर का दूषित पानी बिना ट्रीट किए घग्गर में ना गिराया जाए।

150 डिफुजर एक टैंक में लगने हैं और बेक्टिरिया पैदा करने में दो से ढाई महीने लग जाते है

जिक्रयोग है के शहर में गाजीपुर व सनोली में एस्टीपी लगाने पर काम किया गया था। गाजीपुर में तो गांव निवासियों के बाद बंद करके जगह शिफ्ट कर दी थी। जिसके बाद सनौली गांव में एक एस्टीपी लगाया गया तो उस पर लोगों ने स्टे ले लिया था। जबकि यह एस्टीपी 45 एमएलडी का बनाया जाना था जिसका शहर को काफी फायदा होता। लेकिन उसका का भी काम अधर में लटका हुआ है।

जबकि ओर एसटीपी शहर में लगाए जाएंगे तब तक एक एस्टीपी से ही काम चलाना पड़ेगा। इस दौरान बात करते हुए सीवरेज विभाग के मुलाजिमों ने बताया की शहर में बरसाती पानी की निकासी का प्रॉपर प्रबंध ना होने के कारण बरसाती पानी भी सीवरेज लाईन में डाल दिया जाता है। जिससे एस्टीपी की मशीने खराब होने का खतरा रहता है और हमारे लिए मसस्या पैदा हो जाती है।जैसे ही डिफुजर आ जाएंगे साथ की साथ काम शुरू करवा दिया जाएगा। 150 डिफुजर एक टैंक में लगने हैं और बेक्टिरिया पैदा करने में दो से ढाई महीने लग जाते है। काम पूरा होते ही एसटीपी चालू करवा दिया जाएगा।