Chandigarh news: (आज समाज): अक्टूबर और नवंबर के महीनों में हर साल उत्तर भारत के कई शहर प्रदूषण की चपेट में आ जाते हैं। वातावरण में स्मॉग की मोटी परत जम जाती है और एयर क्वालिटी खतरनाक स्तर तक बढ़ जाती है। इससे निपटने के लिए पहला उपाय मास्क लगाना और आउटडोर सतर्कता बरतना है, लेकिन यह यहीं समाप्त नहीं होता। घर के अंदर प्रदूषण का खतरा और भी अधिक होता है।

इस सीजन घर के अंदर की हवा को शुद्ध रखने और प्रदूषण से बचाव के लिए डायसन के इंजीनियर, स्टुअर्ट थॉम्पसन कुछ व्यवहारिक उपाय साझा कर रहे हैं। सबसे पहले, घर के अंदर प्रदूषक तत्वों को न घुसने देने के लिए दरवाजे पर माइक्रोफाइबर डोर मैट रखना फायदेमंद है। इससे घर के अंदर की हवा में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।

मेहमानों और परिवार के सदस्यों को जूते-चप्पल घर के बाहर उतारने के लिए प्रेरित करें। इसके अलावा, एक अच्छा एयर प्योरिफायर खरीदना महत्वपूर्ण है, क्योंकि डायसन एयरप्योरिफायर केवल हवा को साफ नहीं करते, बल्कि 99.95 प्रतिशत एलर्जन भी हटाते हैं।

एयर प्योरिफायर के फिल्टर को नियमित रूप से बदलना भी आवश्यक है ताकि प्रदूषक तत्व न फँसें। कारपेट में प्रदूषक तत्व जमा हो जाते हैं, इसलिए इन्हें उच्च दक्षता कण वायु या उच्च दक्षता कण निरोध फिल्टर वाले वैक्यूम क्लीनर से डीप क्लीन करना चाहिए। इसके साथ ही, क्लीनिंग और पर्सनल केयर सप्लाई की जांच करें और ऐसे प्रोडक्ट्स का उपयोग करें जिनमें वीओसी कम हों।

जब बाहर प्रदूषण ज्यादा हो, तब खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें, जिससे स्मॉग और धूल घर के अंदर नहीं आ पाती। अंत में, अपने घर में सामान कम रखें और अनावश्यक सामान बाहर निकालें, ताकि साफ-सफाई और हवा की गुणवत्ता बनाए रखना आसान हो सके। इन उपायों से प्रदूषण के इस सीजन में अपने घर को सुरक्षित रखें और अपने परिवार के लिए एक स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित करें।