Chandigarh news: (आज समाज): हिमाचल की सीमा से सटे बणी मंदिर में दशहरे के पर्व पर सोमवार को भव्य मेले का आयोजन हुआ। पारंपरिक धूमधाम और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच हजारों की संख्या में लोग मेले में उमड़े। खेल और लोक-संस्कृति के संगम ने वातावरण को उल्लासमय बना दिया।
इस अवसर पर जिला परिषद चेयरमैन सुनील शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे। उनके साथ मंच पर क्षेत्र के अनेक जनप्रतिनिधि और गणमान्य लोग मौजूद रहे।
खेलों में दिखा जोश, कबड्डी ने जीता सबका दिल
मेले की शुरुआत कबड्डी प्रतियोगिता से हुई। करीब 12 टीमों के खिलाड़ियों ने भाग लिया और दर्शकों को रोमांचक मुकाबले देखने को मिले। फाइनल मैच में बणी मंदिर की ए टीम ने बी टीम को हराकर विजेता ट्रॉफी पर कब्ज़ा जमाया।
मुख्य अतिथि सुनील शर्मा ने खिलाड़ियों की हौसला अफजाई करते हुए कहा –
“खेल हमें जोड़ते हैं और समाज में भाईचारे की भावना को बढ़ाते हैं। खिलाड़ी देश की ताकत हैं और उन्हें हमेशा नशे जैसी बुरी लतों से दूर रहना चाहिए।”
उन्होंने यह भी कहा कि मेले हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं, जिन्हें सहेजकर रखना जरूरी है ताकि आने वाली पीढ़ियां अपनी जड़ों से जुड़ी रह सकें।
मटका फोड़ में युवाओं का उत्साह
कबड्डी के अलावा मटका फोड़ प्रतियोगिता भी आकर्षण का केंद्र रही। इस खेल में रितिका, अर्व, ईशा और अंकुश ने प्रथम स्थान प्राप्त कर दर्शकों की तालियां बटोरीं।
गणमान्य अतिथियों की मौजूदगी से बढ़ा महत्व
कार्यक्रम में कोलावाला भूऊ की महिला सरपंच रितु चौधरी, जिला परिषद सदस्य रोमा देवी, पंचायत समिति सदस्य बलदेव राणा, भाजपा नेता बलजीत राणा, दावसू के सरपंच राजेंद्र कुमार, पूनम लता, सरपंच इंद्रा देवी, बालदवाला के विनोद कुमार, पलविंद्र सिंह और परवीन कुमार सहित क्षेत्र के कई प्रमुख व्यक्ति उपस्थित रहे।
समिति ने जताया आभार
मेला समिति के प्रधान बलदेव सिंह गवाही और महासचिव सुरेश पाल राणा ने बताया कि इस मेले का उद्देश्य न केवल पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देना है, बल्कि नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति और आपसी भाईचारे से जोड़ना भी है।
उन्होंने सभी अतिथियों और ग्रामीणों का आभार जताया और आश्वासन दिया कि इस मेले को आने वाले वर्षों में और भव्य रूप दिया जाएगा।