Chandigarh News: चंडीगढ़ नगर निगम की आर्थिक हालत बहुत खराब हो गई है। हर महीने कर्मचारियों की सैलरी और बाकी खर्चों के लिए पैसे जुटाना मुश्किल हो रहा है। इसी वजह से अब नगर निगम ने मनीमाजरा की कीमती जमीन बेचने का फैसला लिया है। यह जमीन शिवालिक एन्क्लेव इलाके में है और यहां रिहायशी प्रोजेक्ट बनाया जाएगा।

इस योजना के तहत करीब 6.8 एकड़ जमीन पर फ्लैट और दुकानें बनाई जाएंगी। इसमें से 0.5 एकड़ जमीन दुकानों के लिए रखी गई है। यह जमीन 195 करोड़ रुपए से ज्यादा की है, लेकिन उम्मीद है कि इसकी नीलामी से 800 से 1000 करोड़ रुपए तक की कमाई हो सकती है।

ग्राउंड सर्वे और रिपोर्ट पूरी

नगर निगम ने इस जमीन का नक्शा तैयार कर लिया है। जमीन की जांच, अतिक्रमण की पहचान और जोन तय करने का काम पूरा हो चुका है। अब यह रिपोर्ट प्रशासन को भेज दी गई है, जिससे जमीन नीलाम की जा सके।

चंडीगढ़ नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर जसबीर सिंह बंटी ने कहा कि अगर यह जमीन अच्छे दामों पर बिक जाती है, तो 10-15 साल तक निगम को पैसों की चिंता नहीं होगी। उन्होंने कहा कि जब निगम के पास अपनी जमीन है, तो बार-बार बाहर से पैसा मांगने की ज़रूरत क्यों?

नगर निगम के पास 9 हजार 748 कर्मचारी हैं। इनमें से करीब 7 हजार कर्मचारी ठेके पर हैं। ठेके के कर्मचारियों की सैलरी में हर महीने 26 करोड़ रुपए और बाकी कर्मचारियों पर 16 करोड़ रुपए खर्च होते हैं।

सीनियर डिप्टी मेयर ने यह भी कहा कि प्रशासन ने स्कूल और अस्पताल बनाने के नाम पर निगम की लगभग 40 एकड़ जमीन ले ली, लेकिन बदले में न कोई पैसा दिया, न दूसरी जमीन।

नगर निगम ने पहले भी उप्पल और मैरियट होटल जैसी बड़ी कंपनियों को ज़मीन बेचकर 800 करोड़ रुपए कमाए थे। अब मनीमाजरा की यह योजना भी उतनी ही फायदेमंद साबित हो सकती है।