Chandigarh News: बुधवार शाम को डेराबस्सी के एटीएस विला अपार्टमेंट में डेराबस्सी की एक जज के पीएसओ कम ड्राइवर हरजीत सिंह उर्फ लक्की की संदिग्ध हालात में गोली लगने से मौत हो गई थी। हालांकि गोली उसकी सर्विस रिवॉल्वर से चली तो माथे के बीच में लगी परंतु अभी तक यह हादसा था या खुदकशी, इसका पता नहीं चल सका है। पुलिस ने पिता के बयान पर बीएनएस 194 के तहत कार्रवाई करते हुए तीन डॉक्टरों का बोर्ड बनाकर वीडियोग्राफी के बीच पोस्टमाटर्म कराया। बाद में बेहद गमगीन माहौल में गांव सुंडरा में उसके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
जानकारी मुताबिक 34 वर्षीय हरजीत सिंह उर्फ लक्की पुत्र नछत्तर सिंह वासी गांव सुंडरा, डेराबस्सी बतौर कांस्टेबल 2011 में भर्ती हुआ था। वह परिवार में इकलौता बेटा था और हैड कांस्टेबल बनने के बाद से डेराबस्सी की एसडीएम कोर्ट में सीनियर डिवीजन की एडिशनल सिविल जज नवरीत कौर के साथ बतौर पीएसओ कम ड्राइवर तैनात था। जज मैडम डेराबस्सी के एटीएस जिला में कोठी नंबर 74 में रहती है। दोपहर बाद वह मैडम को वापस घर लाने डेराबस्सी कोर्ट नहीं पहुंचा, न ही वह फोन उठा रहा था। शाम पांच बजे के बाद उसका फोन भी स्विच ऑफ हो गया। इस पर पुलिस के पास गुमशुदगी की सूचना दी गई। उसकी बॉडी विला के नजदीक ही जज की होंडा अमेज कार में शाम करीब 8:00 बजे देखी गई। कार स्टार्ट थी, एसी चल रहा था और उसके दरवाजे अंदर से लॉक थे।
हरजीत सिंह पीछे परिवार में माता-पिता के अलावा पत्नी और एक 12 साल का बेटा छोड़ गया है। वीरवार को दुबई से पहुंचे उनके चाचा के आने के बाद शाम चार बजे शव का अंतिम संस्कार किया गया। हरजीत के 12 वर्षीय बेटे मनकीरत सिंह द्वारा चिता को मुखाग्नि देने से पहले पंजाब पुलिस की टुकड़ी ने पांच राउंड हवाई फायर कर बिछुड़ी रुह काे सलामी दी। डीएसपी बिक्रमजीत बराड़, एसएचओ सुमित मोर, एमएलए के बेटे सहजवीर रंधावा ने चिता पर फूले के चक्र चढ़ाए। इस मौके जज के पति के अलावा नगर प्रधान नरेश उपनेजा भी मौजूद थे।
एसएचओ इंस्पेक्टर सुमित माेर के अनुसार पिता नछत्तर सिंह के बयान पर कार्रवाई की गई है। पिता समेत परिवार व जानकारों का कहना है कि हरजीत को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हीं थी। फिर भी यह सुसाइड है या एक्सीडेंटली फायर हुआ, इसकी जांच जारी है। जज की कार, सर्विस रिवाल्वर व सेलफोन जब्त कर लिया गया है। फॉरेंसिक टीम ने कार से जरुरी सैंपल भी लिए हैं। सर्विस रिवाल्वर से केवल एक गोली चली थी जबकि तीन गोली पिस्टल में ही मौजूद थीं।