- यमन की राजधानी सना की एक जेल में कैद है निमिषा
- 2020 में सजा सुनाई, 2023 में अंतिम अपील खारिज
Nimisha Priya Execution Stayed, (आज समाज), नई दिल्ली: केंद्र की ओर से सुप्रीम कोर्ट को आज बताया गया कि यमन में एक व्यक्ति की हत्या के आरोप में मौत की सजा काट रही भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी पर रोक लगा दी गई है। सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ को निमिषा प्रिया मामले में उक्त फैसले से अवगत करवाया। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 14 अगस्त के लिए निर्धारित की।
सरकार चाहती है, सेफ लौट आए निमिषा
अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने कहा, सरकार चाहती है कि 38 वर्षीय निमिषा प्रिया सुरक्षित स्वदेश लौट आए। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, सरकार निमिषा को बचाने का हर संभव प्रयास कर रही है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि उन्हें पहले क्षमादान प्राप्त करना होगा और उसके बाद रक्तदान का मुद्दा आएगा। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह निमिषा की मदद के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। अधिकारियों ने बताया कि निमिषा के परिवार को यमन में जटिल कानूनी प्रक्रिया से निपटने में मदद के लिए एक वकील नियुक्त किया है। इसमें शरिया कानून के तहत क्षमादान या माफ़ी के विकल्प तलाशना भी शामिल है।
केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली है निमिषा
सुप्रीम कोर्ट निमिषा प्रिया को बचाने के लिए राजनयिक माध्यमों का उपयोग करने का केंद्र को निर्देश देने की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था। बता दें कि केरल (Kerala) के पलक्कड़ जिले (Palakkad district ) की एक नर्स निमिषा प्रिया को पहले 16 जुलाई को फांसी देना निर्धारित की गई थी।
2017 में ठहराया गया बिजनेस पार्टनर की हत्या का दोषी
निमिषा प्रिया को 2017 में अपने यमनी बिजनेस पार्टनर की हत्या का दोषी ठहराया गया था। इसके बाद उसे 2020 में मौत की सजा सुनाई गई और 2023 में उसकी अंतिम अपील खारिज कर दी गई। वर्तमान में निमिषा यमन की राजधानी सना की एक जेल में कैद है।
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