मीत हेयर ने संसद में आॅपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान विफल विदेश नीति का मुद्दा उठाया

Punjab News (आज समाज), चंडीगढ़/नई दिल्ली : पंजाब से लोकसभा सदस्य गुरमीत सिंह मीत हेयर ने संसद के वर्तमान सत्र में एक बार फिर से केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार को विदेश नीति और खुफिया तंत्री विफलता की जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए। बहस में हिस्सा लेते हुए संगरूर के एमपी मीत हेयर ने कहा कि पाकिस्तान के साथ जारी युद्ध के दौरान विश्व गुरु कहलाने वाले देश की मदद को कोई भी देश सामने नहीं आया।

चीन और तुर्की जैसे देश खुलेआम पाकिस्तान की मदद कर रहे थे, वहीं अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भी उसी समय पाकिस्तान को वित्तीय सहायता मंजूर कर दी। भारत की ओर से विदेशों में गए संसदीय प्रतिनिधिमंडल को गिने-चुने देशों को छोड़कर कहीं भी किसी कैबिनेट मंत्री से भेंट तक नहीं हो सकी।

सरकार का रवैया पूरी तरह से गैर जिम्मेदाराना

मीत हेयर ने केंद्र सरकार की गैर-जिम्मेदाराना रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि कभी एक मामूली रेल हादसे पर भी रेल मंत्री नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देता था, लेकिन भारतीय खुफिया तंत्र की लापरवाही से हुए इतने बड़े आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, फिर भी सरकार में किसी ने न इस्तीफा दिया, न ही किसी ने इसकी जिम्मेदारी स्वीकार की। लोकसभा सदस्य ने कहा कि रक्षा मंत्री और गृह मंत्री की लंबी-लंबी तकरीरों में देश के आम लोगों द्वारा उठाए गए सवालों का कोई उत्तर तक नहीं दिया गया।

उन्होंने कहा कि बाकी देशों ने तो सोशल मीडिया और टीवी पर युद्ध जैसे हालात देखे, लेकिन सीमा राज्य पंजाब के लोगों ने हर दिन ड्रोन हमलों, सायरनों और ब्लैकआउट के साये में गुजारा था। मीत हेयर ने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार बड़े-बड़े दावे तो करती है लेकिन हकीकत उससे कोसों परे होती है। सांसद ने कहा कि सरकार को समय रहते आत्मविश्लेषण करना चाहिए। ताकि भविष्य में देश ऐसी विपरीत स्थिति का सामना न करे।

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