सीबीआई अधिकारी ने मनीषा के पिता को फोन कर आज आने की कही बात
Manisha Murder Case, (आज समाज), नई दिल्ली: लेडी टीचर मनीषा की हत्या की जांच करने के लिए आज सीबीआई की टीम हरियाणा के भिवानी पहुंचेंगे। गत दिवस सीबीआई के एक अधिकारी का मनीषा के पिता के पास फोन आया था। अधिकारी ने जांच के लिए सोमवार को आने की बात कहीं थी।
मनीषा के पिता ने बताया कि उनके पास सीबीआई के अधिकारी का फोन आया है जिन्होंने सोमवार को जांच के लिए गांव में आने की बात कही है। संजय ने कहा कि अब सीबीआई जांच शुरू होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री नायब सैनी ने 20 अगस्त को इस केस को सीबीआई को सौंपने का ऐलान किया था।
11 अगस्त को घर से गई थी मनीषा
गौरतलब है कि 11 अगस्त को मनीषा अपने गांव ढाणी लक्ष्मण स्थित घर से सिंघानी गांव के प्ले स्कूल में पढ़ाने गई थी। वहां से वह नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन के लिए निकली, लेकिन शाम तक घर नहीं लौटी। इसके बाद परिजनों ने पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई।
2 दिन तक मनीषा का कोई पता नहीं चला। 13 अगस्त को मनीषा का शव सिंघानी गांव के खेतों में मिला। परिवार ने आरोप लगाया कि उसकी हत्या हुई है। हालांकि, पुलिस ने 18 अगस्त को एक सुसाइड नोट दिखाकर इसे आत्महत्या बताया। इसके बाद परिजनों और ग्रामीणों ने सीबीआई जांच की मांग की थी।
13 अगस्त को मिला था मनीषा का शव
गौरतलब है कि भिवानी के लोहारू थाने के गांव ढाणी लक्ष्मण की 18 वर्षीय बेटी मनीषा प्राइवेट प्ले स्कूल में टीचर थी। उसका शव 13 अगस्त को सिंघानी गांव के खेतों में मिला। गला रेता हुआ था। सड़-गल चुके शव की गर्दन की स्किन और मसल्स के साथ हड्डियां भी गायब हैं।14 अगस्त को मनीषा के परिवार ने शव उठाने से इनकार करते हुए पुलिस अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप लगाए थे।
अब तक सरकार ये कर चुकी कार्रवाई
इस मामले में पुलिस कर्मियों पर लापरवाही पर गाज गिर चुकी हैै। हरियाणा सरकार ने तुरंत प्रभाव से एसपी को बदलते हुए 5 पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया था।
इनमें लोहारू के थाना प्रभारी अशोक, महिला एएसआई शकुंतला, डायल-112 की इमरजेंसी रिस्पांस व्हीकल टीम के एएसआई अनूप, कांस्टेबल पवन और एसपीओ धर्मेंद्र शामिल है। वहीं सरकार ने आईपीएस मनबीर सिंह सिंह की जगह आईपीएस सुमित कुमार को भिवानी का नया एसपी लगाया है।
मांगें पूरी होने के बाद किया था अंतिम संस्कार
पिता संजय से अंतिम संस्कार की सहमति ले ली। मगर, गांव ढाणी लक्ष्मण के लोग भड़क गए। उन्होंने अंतिम संस्कार न होने देने का ऐलान करते हुए गांव के रास्ते बंद कर पक्के मोर्चे का ऐलान कर दिया था। ग्रामीणों ने सरकार के सामने 2 मांगें रखीं। मनीषा की मौत की सीबीआई जांच हो व दिल्ली एआईआईएमएस से पोस्टमॉर्टम कराया जाए। 20 अगस्त को सरकार दोनों मांगों पर राजी हो गई, जिसके बाद 21 अगस्त की सुबह ढाणी लक्ष्मण गांव में मनीषा का अंतिम संस्कार कर दिया गया।