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Fire in Covid hospital built in mall in Mumbai, nine people died: मुंबई में मॉल में बने कोविड अस्पताल में आग, नौ लोगों की मौत

मुंबई। देश में कोरोना की दूसरी लहर अपनी तेजी पर है। इससे एक बार फिर से महाराष्ट्र सबसे अधिक प्रभावित…

4 years ago

Farmers jammed rail tracks at 31 places from Delhi to Punjab under ‘Bharat Bandh’: किसान आंदोलन- किसानों ने ‘भारत बंद’ के तहत दिल्ली से पंजाब तक 31 स्थानों पर रेल ट्रैक जाम किए, सड़कों पर भी आवाजाही प्रभावित

नई दिल्ली। किसानों ने केंद्र द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों केखिलाफ मोर्चा खोल रखा है। किसान चाहते हैं…

4 years ago

Nuns win hearts with your service! अपनी सेवा से दिल जीतती ननें!

दो साल पहले यानी 2019 की जुलाई में मैसूर से बंगलुरु जाते वक्त मालगुडी एक्सप्रेस ट्रेन में जो वेंडर मुझे इडली दे गया, उसके साथ न चटनी थी न सांभर। अब इसे गुटका कैसे जाए? मैं इसी ऊहापोह में था, कि इससे चटनी कैसे माँगी जाए। क्योंकि वेंडर न हिंदी जानता था न अंग्रेज़ी और मैं कन्नड़ में सिफ़र। मेरी स्थिति भाँप कर इसी ट्रेन में मेरे सामने की बर्थ पर बैठी दो ननों ने हिंदी में कहा कि आप चटनी और सांभर हमसे ले लीजिए। यह कह कर उन्होंने अपना टिफ़िन मेरे सामने कर दिया। एक अनजान मुसाफ़िर के प्रति उनका यह सौहार्द उनके अंदर के ममत्त्व को दर्शाता था। धर्म का आधार करुणा है। किंतु जब समाज उन्मादी हो जाता है, तब सबसे पहले करुणा ही हमसे दूर भागती है। और समाज तब और उन्मादी बनने लगता है, जब धर्म की राजनीति होने लगती है। हालाँकि दुनियाँ में राजनीति का नियंता भी धर्म है पर जब शासक के लिए जीत का आधार धर्म हो जाए तो उसका क्रूर चेहरा अपने नग्न रूप में हमारे समक्ष होता है। आज यही सब हो रहा है। पिछले दिनों झाँसी में दो नन्स को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के लोगों ने ट्रेन से उतार लिया क्योंकि उन्हें शक था कि वे दो लड़कियों को अपने साथ धर्म परिवर्तन हेतु ले जा रही थीं। इस तरह की हरकतें क्या दर्शाती हैं? क्या अब सिर्फ़ उसी की चलेगी जिसकी आबादी अधिक होगी? और उन लोगों के रास्ते में रोड़ा अटकाया जाएगा, जो बहुसंख्यक के धर्म को नहीं मानते? धर्म का यह उन्मादी रूप समाज को किधर ले जाएगा? ईसाई धर्म का जो रूप भारत में है, उसमें सेवा, करुणा, लगन और शिक्षा प्रमुख हैं। जहां-जहां ईसाई मिशनरी गईं, वहाँ-वहाँ आधुनिक शिक्षा और धर्म व जाति से ऊपर उठ कर सेवा करने का भाव भी गया। मदर टेरेसा के पहले कौन था, जो कुष्ठ रोगियों की सेवा करता था। समाज से वे लोग बहिष्कृत थे और उन्हें कोई छूता तक नहीं था। महाभारत में एक अश्वथामा नाम का पात्र है, वह कुष्ठ रोगी की ही कथा है। अश्वथामा को एक तरफ़ तो अमरत्त्व का वरदान मिला दूसरी तरफ़ उसकी नियति लुंज-पुंज पड़े हुए एक व्यक्ति की है। उसे यह रूप धारण करने का श्राप इसलिए मिला क्योंकि उसने अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भस्थ शिशु को मारने का प्रयास किया था। अर्थात् यह मान लिया गया कि कुष्ठ रोगियों ने भ्रूण-हत्या की होगी इसलिए वे उस पाप कर्म को भुगत रहे हैं। और चूँकि हिंदू धर्म में किसी के भी कर्म फल को बाधित नहीं किया जा सकता इसलिए किसी कुष्ठ-रोगी की सेवा का भाव यहाँ असम्भव था। मदर टेरेसा ने अपने मिशन के ज़रिए इन कुष्ठ रोगियों के बीच जा कर काम करना शुरू किया। वे अपने इस अभियान में इस कद्र सफल रहीं कि एक अल्बेनियाई परिवार में जन्मी आन्येज़े गोंजा बोयाजियू को भारत में माँ का दर्जा ही नहीं मिला बल्कि 1980 में उन्हें भारत रत्न से भी नवाजा गया। अपनी सेवा भावना से लोगों का दिल जीत लेने वाली ईसाई नन्स के साथ ऐसा व्यवहार शर्मनाक है। आज भी ईसाई मिशनरीज़ द्वारा संचालित स्कूलों में हर आदमी अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए बेचैन रहता है। यहाँ तक कि बजरंग दल और हिंदू महासभा तथा आरएसएस के नेतागण भी। तब ऐसा सलूक क्यों? केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने झाँसी की इस घटना की पूरी जाँच और उसके बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने का बयान दिया है, किंतु किसे नहीं पता कि एबीवीपी के लोग किस राजनैतिक दल के इशारे पर काम करते हैं। यूँ भी वह आरएसएस की छात्र इकाई है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने ठीक ही कहा है, कि गृह मंत्री किसे बरगला रहे हैं। केरल में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसीलिए गृह मंत्री लीपापोती कर रहे हैं। झाँसी में एबीवीपी के लोगों द्वारा उत्कल एक्सप्रेस से उतारी गई ननें केरल की हैं और इस मामले में एक कड़ा पत्र केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने केंद्र को भेजा भी है। केरल में ईसाई आबादी काफ़ी है और वहाँ की ननों के साथ बदसलूकी भाजपा को महँगी पड़ सकती है। घटना 19 मार्च की है। इसका वीडियो जारी होते ही तहलका मच गया। हरिद्वार-पुरी उत्कल एक्सप्रेस से चार ईसाई महिलाएँ राउरकेला जा रही थीं। इन चार में से दो नन थीं, और उनके वस्त्र भी वैसे थे। दो महिलाएँ सादे कपड़ों में थीं। उसी ट्रेन में एबीवीपी के कुछ छात्र सवार थे। उनका आरोप था, कि ये नन सादे कपड़े पहने महिलाओं को धर्मांतरण के लिए ले जा रही थीं। इससे तहलका मच गया। झाँसी में उन्हें उतार लिया गया। झाँसी के रेलवे पुलिस अधीक्षक ने उन छात्रों को एबीवीपी का बताया है। उनके मुताबिक़ सादे वस्त्रों वाली महिलाएँ ईसाई ही थीं। इस वीडियो के वायरल होते ही तहलका मच गया। अब भाजपा को मुँह छिपाना मुश्किल हो रहा है। केरल में भाजपा ईसाई वोटरों को लुभाना चाहती है। भले ही वह वहाँ ई. श्रीधरन को चेहरा बनाए, लेकिन उसे पता है कि नम्बूदरी, नायर और नयनार मतदाता उसकी तरफ़ झुकने से रहे। इसके अलावा इझवा और दलित वोट भी माकपा को जाते हैं। मुस्लिम और ईसाई वहाँ टैक्टिकल वोटिंग करते हैं। मुस्लिम भाजपा के पाले में आने से रहे इसलिए उसकी उम्मीद मछुआरों, जो अधिकतर ईसाई हैं, पर टिकी है। ऐसे में इन सीरियन ईसाई ननों के साथ एबीवीपी की बदसलूकी भाजपा को केरल में बहुत महँगी पड़ जाएगी। असम और पश्चिम बंगाल में उलझी भाजपा के लिए केरल का गढ़ भेदना आसान नहीं है। लेकिन भाजपा ने जाति, धर्म और समुदाय की खाई इतनी चौड़ी कर दी है, कि निकट भविष्य में उसका भरा जाना मुश्किल है। याद करिए पिछली एनडीए सरकार के वक्त भी ईसाई मिशनरियों पर हमले तेज हो गए थे। ओडीसा के मनोहर पुर गांव में 22 जनवरी 1999 को पादरी ग्राहम स्टेन और उनके दो बेटों की जला कर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद सूरत में मिशनरीज़ पर हमला ख़ूब चर्चा में रहे थे। इसमें कोई शक नहीं कि अटल बिहारी वाजपेयी की छवि एक उदार राजनेता की थी पर आरएसएस पर उनका कमांड नहीं था। अब तो प्रधानमंत्री की छवि भी वैसी उदार नहीं है। ऐसे में इस तरह की उन्मादी हरकतों पर कैसे अंकुश लगेगा, कहना मुश्किल है। सच बात तो यह है, कि आरएसएस ऊपर से भले सख़्त मुस्लिम विरोधी दिखे किंतु अंदर से उसके टॉरगेट पर ईसाई मिशनरीज़ हैं। उनको भी पता है, कि उनके हिंदुत्त्व के एजेंडे को असल चुनौती ईसाई मिशनरीज़ से मिल रही है। दरअसल इन मिशनरीज़ ने अपना काम आदिवासी बहुल इलाक़ों में बड़े ही सुनियोजित तरीक़े से चला रखा है। शिक्षा, स्वास्थ्य और अपनी सेवा के बूते वे उन इलाक़ों में ख़ूब लोकप्रिय हैं। उत्तरपूर्व के राज्यों के अलावा ओडीसा, झारखंड और छत्तीसगढ़ में भी उनका काम है। आरएसएस के लोगों का कहना है कि ईसाई मिशनरियाँ सेवा की आड़ में आदिवासियों के धर्मांतरण का करती हैं। संघ के लोग इन पर नक्सली गतिविधियों को हवा देने का भी आरोप लगाते हैं। वर्ष 2008 की जन्माष्टमी पर जब ओडीसा के कंधमाल ज़िले में वीएचपी नेता लक्ष्मणानन्द शास्त्री की हत्या हुई थी, तब बीजेपी का आरोप था, कि चूँकि शास्त्री मिशनरीज़ की राह में रोड़ा थे, इसलिए उनकी हत्या की गई। जबकि कहा जा रहा था कि उस झगड़े में सवर्ण हिंदू और ईसाई दलित संलिप्त थे। ज़ाहिर है, ईसाई मिशनरीज़ अपनी सेवा भावना से हर किसी का दिल जीत लेते हैं, इसलिए हिंदुत्त्व के प्रचारकों को उन्हें नक्सल बता देना या धर्मांतरण में संलिप्त बता देना आसान होता है। इसकी आड़ में वे इनके विरुद्ध जन-मत बनाने का काम करते हैं। लेकिन सोचने की बात यह है, कि आरएसएस इस बात पर क्यों नहीं विचार करता कि अगर उसे ईसाई मिशनरीज़ को ही काउंटर करना है तो वह भी अपने अंदर वैसी ही सेवा भावना, लगन, आधुनिक शिक्षा का प्रसार और मुफ़्त चिकित्सा लोगों को सुलभ कराए।

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Supreme Court strict on the permanent commission of women in the army: सेना में महिलाओं के परमानेंट कमीशन पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा- दो महीने के भीतर दें महिलाओं को स्थायी कमीशन

आज सुप्रीम कोर्टने सेना में महिलाओं के परमानेंट कमीशन को लेकर टिप्पणी की। सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा…

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Panchayat elections: Politics stuck with a break: पंचायत चुनाव : ब्रेक से फंसी सियासत

उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनावों का मामला उलझने से सियासी हलकों में चिंता की लकीरे साफ दिखाई देने…

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Who is the political mentor of Sachin Vazh?: सचिन वझे का सियासी संरक्षक कौन?

विस्फोटक की खोज के सिलसिले में सहायक सब इंस्पेक्टर सचिन वझे की गिरफ्तारी उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित आवास…

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Corona negative report will be necessary to go to Haridwar Kumbh: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बदला सीएम का फैसला, हरिद्वार कुंभ मेंजाने के लिए जरूरी होगी कोरोना निगेटिव रिपोर्ट

नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी ने अपने पांव दोबारा से पसारने शुरू कर दिए हैं। इसका असर हरिद्वार कुंभ पर…

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Corona epidemic – 275 deaths a day, number of new corona patients crosses 47 thousand: कोरोना महामारी- एक दिन में 275 मौतें, नए कोरोना मरीजों की संख्या 47 हजार के पार

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस की सेकेंड वेव ने अपना विकराल रूप लेना शुरु कर दिया है। कोरोना वायरस…

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Home Ministry’s new guide lines, test, track, treatment policy advice: गृहमंत्रालय की नई गाइड लाइंस, टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट पॉलिसी की सलाह

नईदिल्ली। कोरोना वायरस की दूसरी लहर देश में चल पड़ी है। दिन ब दिन नए कोरोना वायरस के मामलों में…

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Naxalites attack security forces in Chhattisgarh, three soldiers martyred: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का सुरक्षा बलों पर हमला, तीन जवान शहीद

नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिलेमेंनक्सलियों ने सुरक्षाबलोंको अपना निशाना बनाया। मिली सूचना के अनुसार सुरक्षाबलों की बस को नक्सलियों…

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