- कार्यक्रम से 1.7 करोड़ किसानों को मदद मिलने की संभावना
PM Dhan-Dhaanya Krishi Yojana Approved, (आज समाज), नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आज यह निर्णय लिया गया। सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल के निर्णय की जानकारी साझा की। केंद्रीय बजट में घोषित यह कार्यक्रम 36 मौजूदा योजनाओं को एकीकृत करेगा और फसल विविधीकरण और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाने में मदद देगा। यानी योजना का क्रियान्वयन 11 विभागों की 36 मौजूदा योजनाओं, अन्य राज्य योजनाओं और निजी क्षेत्र के साथ स्थानीय भागीदारी के अभिसरण के माध्यम से किया जाएगा। योजना पर हर साल 24000 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
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नीति आयोग के आकांक्षी ज़िला कार्यक्रम से प्रेरित है योजना
पीएम धन-धान्य कृषि योजना नीति आयोग के आकांक्षी ज़िला कार्यक्रम से प्रेरित है, जो विशेष रूप से कृषि और संबद्ध क्षेत्रों पर केंद्रित अपनी तरह की पहली पहल है। कैबिनेट ने इसे 2025-26 से शुरू होकर छह साल के लिए अपनी स्वीकृति दी है, जिसके अंतर्गत 100 ज़िले शामिल होंगे। कम उत्पादकता, कम फसल सघनता और कम ऋण वितरण जैसे तीन प्रमुख संकेतकों के आधार पर 100 जिलों की पहचान की जाएगी। प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में जिलों की संख्या शुद्ध फसल क्षेत्र और परिचालन जोत के हिस्से पर आधारित होगी। हालाँकि, एक आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रत्येक राज्य से कम से कम एक जिले का चयन किया जाएगा।
योजना का उद्देश्य
आधिकारिक बयान के अनुसार, पीएम धन-धान्य कृषि योजना का उद्देश्य कृषि उत्पादकता बढ़ाना, फसल विविधीकरण और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाना, पंचायत और ब्लॉक स्तर पर कटाई के बाद भंडारण क्षमता बढ़ाना, सिंचाई सुविधाओं में सुधार करना और दीर्घकालिक एवं अल्पकालिक ऋण की उपलब्धता को सुगम बनाना है। अश्विनी वैष्णव ने ने कहा कि पीएम धन-धान्य कृषि योजना फसल कटाई के बाद भंडारण को बढ़ाएगी। इसके अलावा यह सिंचाई सुविधाओं में सुधार करेगी और कृषि उत्पादकता को बढ़ाएगी। इस योजना से देश के एक करोड़ 70 लाख किसानों को मदद मिलने की संभावना है।
डैशबोर्ड के माध्यम से की जाएगी योजना की प्रगति की निगरानी
योजना के प्रभावी नियोजन, कार्यान्वयन और निगरानी के लिए जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर समितियां गठित की जाएँगी। जिला कृषि एवं संबद्ध गतिविधियाँ योजना को जिला धन धान्य समिति द्वारा अंतिम रूप दिया जाएगा, जिसके सदस्य प्रगतिशील किसान भी होंगे। जिला योपजनाएं फसल विविधीकरण, जल एवं मृदा स्वास्थ्य संरक्षण, कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता, तथा प्राकृतिक एवं जैविक खेती के विस्तार जैसे राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप होंगी। प्रत्येक धन धान्य जिले में योजना की प्रगति की निगरानी एक डैशबोर्ड के माध्यम से 117 प्रमुख निष्पादन संकेतकों के आधार पर मासिक रूप से की जाएगी।
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