दूसरे राज्यों से आने वाले खनिज लद वाहनों पर इंटरस्टेट ट्रांजिट पास (आईएसटीपी) लगाने का सरकार ने लिया फैसला
ISTP, (आज समाज), चंडीगढ़: हरियाणा सरकार के एक फैसले से प्रदेश के लोगों के लिए घर बनाना महंगा हो सकता है। दरअसल प्रदेश सरकार की ओर से दूसरे राज्यों ने आने वाले खनिज से लदे वाहनों पर इंटरस्टेट ट्रांजिट पास (आईएसटीपी) लगाने का निर्णय लिया है। सरकार के इस फैसले से पत्थर, रोड़ी और बजरी के दाम बढ़ सकते है। ऐसे में जो व्यक्ति घर बना रहा होगा या फिर कोई अन्य निर्माण कर रहा होगा। उसे पत्थर, रोड़ी और बजरी के लिए पहले से अधिक कीमत अब चुकानी होगी। ऐसे में निर्माण लागत में वृद्धि होगी। व्यक्ति को जब ढीली करनी पड़ेगी।

वहीं सरकार को इस फैसले से बड़ी मात्रा में राजस्व मिलने की उम्मीद है। प्रदेश में खनिज से लदे वाहनों पर पूर्व में कोई टैक्स नहीं लगाया गया था। जिसके कारण प्रदेश की सीमा से हजारों वाहन सड़कों पर दौड़ते थे। इससे प्रदेश में बनी सड़कों को नुकसान हो रहा था। वहीं दूसरे राज्यों में खनिज से लदे आने वाले वाहनों पर टैक्स पूर्व में भी लगाया गया है।

सभी प्रकार के वाहनों पर 80 रुपए मैट्रिक टन के हिसाब से लगाया गया टैक्स

सरकार ने 2 अगस्त से प्रदेश में आईएसटीपी लागू कर दिया। पहले यह 100 रुपए मैट्रिक टन प्रदेश की सीमा के अंदर तक खनिज लाने वाले तथा 20 रुपए मैट्रिक टन प्रदेश की सीमा से बाहर खनिज ले जाने वाले वाहनों पर लगा। मगर, ज्यादातर वाहन संचालक इसका फायदा उठाते हुए 20 रुपए मैट्रिक टन का ही टैक्स कटवाने लग गए।

जिससे सरकार को कोई ज्यादा राजस्व की प्राप्ति नहीं हुई। इस पर सरकार ने इसमें बदलाव कर 19 अगस्त से सभी प्रकार के वाहनों पर 80 रुपए मैट्रिक टन के हिसाब से टैक्स लगा दिया। जिसके बाद सरकार को राजस्व बढ़ने की उम्मीद जगी है।

इन जगहों से हरियाणा में आता है खनिज

हरियाणा की सीमा का बड़ा हिस्सा राजस्थान से लगता है। इनमें महेंद्रगढ़ जिले की तीन ओर की सीमाएं राजस्थान से लगती हैं। वहीं प्रदेश के सिरसा, हिसार, भिवानी, रेवाड़ी, पलवल, गुरुग्राम, फरीदाबाद तथा मेवात जिले भी राजस्थान की सीमा से लगते हैं। जहां से खनिज ज्यादा आता है। वैसे तो उत्तर प्रदेश, पंजाब व दिल्ली का भी बड़ा हिस्सा प्रदेश की सीमा से लगता है, मगर वहां से खनिज कम आता है।

10 लाख रुपए का किया गया चालान, आईएसटीपी लगने के बाद 40 लाख का राजस्व हुआ प्राप्त

खनन अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि हरियाणा सरकार के आदेशों अनुसार कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। बॉर्डर वाले इलाकों को चिह्नित कर वहां पर नाके लगाने की तैयारी चल रही है। खनन अधिकारी ने कहा कि तकरीबन 10 लाख रुपए बिना आईएसटीपी वाले वाहनों पर चालान किए गए हैं तो वहीं आईएसटीपी लगने के बाद तकरीबन 40 लाख रुपए का राजस्व खनन विभाग को प्राप्त हुआ है।

राजस्थान से भारी मात्रा में आते है खनिज

हरियाणा में राजस्थान से भारी मात्रा में रोड़ी, डस्ट, पत्थर व बजरी आदि खनिजों का दोहन होता है। इनमें सबसे ज्यादा खेतड़ी, सीकर और जयपुर जिले से ट्रक निकलते हैं। राजस्थान से आने वाले खनिज से लदे वाहनों पर नारनौल खनन विभाग पैनी नजर बनाए हुए है।

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