नेता प्रतिपक्ष के नहीं होने के कारण मुख्य सूचना आयुक्त सहित 7 राज्य सूचना आयुक्त की नियुक्तियां लटकी
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा में नेता प्रतिपक्ष के न होने के कारण भाजपा सरकार परेशान है। कई संवैधानिक पदों पर नियुक्तियां लटकी हुई है। नियुक्तियों के न होने के कारण कामकाज प्रभावित हो रहा है। भाजपा सरकार ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष को दो सप्ताह पहले लेटर 37 विधायकों में से 1 का नाम मांगा था, लेकिन कांग्रेस की ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं आया।
अब सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है, सरकार अब हरियाणा कांग्रेस को टाइम वाउंड रिमाइंडर भेजने जा रही है। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि सोमवार को कांग्रेस को इस आशय का एक रिमाइंडर भेजा जाए। अधिकारियों का कहना है कि यदि इसके बाद भी कोई जवाब पार्टी की ओर से नहीं आता है तो वह कानूनी सलाह लेकर काम करेगी।
नेता प्रतिपक्ष नहीं होने के कारण संवैधानिक पदों पर नियुक्तियां लटकी, आरटीआई के जवाब पेंडिंग
हरियाणा के मुख्य सचिव ने कांग्रेस को 1 मई को प्रदेश अध्यक्ष उदयभान को लेटर लिखकर कहा था कि सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्त के 7 पद खाली हैं। नेता प्रतिपक्ष नहीं होने के कारण ये नियुक्तियां लटकी हैं। मुख्य सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्त की नियुक्तियां नहीं होने के कारण मुख्यालय में आरटीई के जवाब नहीं दिए जा पा रहे हैं। इसके कारण लगाई गईं 10 हजार के करीब आरटीआई के जवाब पेंडिंग हैं। इन नियुक्तियों के लिए सदन में नेता प्रतिपक्ष का होना आवश्यक है।
नेता प्रतिपक्ष होना जरूरी
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के वकील हेमंत कुमार बताते हैं कि आरटीआई एक्ट- 2005 की धारा 15 (3) में यह व्यवस्था की गई है कि राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त की नियुक्ति मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बनी तीन मेंबरी कमेटी ही करेगी। इस कमेटी में सीएम और एक मंत्री के अलावा नेता प्रतिपक्ष होना जरूरी है। यह व्यवस्था इसलिए की गई ताकि संवैधानिक पदों पर नियुक्ति में विश्वसनीयता बनी रहे।
ये भी पढ़ें : क्रिड की रिपोर्ट में हुआ खुलासा, हरियाणा में 50 हजार परिवारों की आय शून्य