आज समाज, नई दिल्ली: Bihar Voter List Dispute : बिहार में चल रहे विशेष सघन मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चुनाव आयोग (EC) को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने वोटर लिस्ट के ड्राफ्ट प्रकाशन पर अंतरिम रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया है, जिससे विपक्षी दलों को बड़ा झटका लगा है।
कल आएगा अंतिम फैसला
इस संवेदनशील मामले की अंतिम सुनवाई अब मंगलवार को की जाएगी। सोमवार को हुई बहस के बाद अदालत ने सुनवाई को एक दिन आगे बढ़ाते हुए संकेत दिए कि वह पूरे मुद्दे पर समग्र फैसला देगी।
सुप्रीम कोर्ट ने EC से क्या कहा?
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बिहार में SIR के तहत मतदाता पहचान पत्र और आधार कार्ड को वैध दस्तावेज के तौर पर स्वीकार करने की प्रक्रिया पहले जैसे ही जारी रहेगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि: “आधार और वोटर ID की वैधता का अनुमान लगाया जा सकता है।
यदि दस्तावेज़ों में किसी तरह की जालसाजी पाई जाती है, तो कानून के तहत उस पर कार्यवाही की जा सकती है।” इस टिप्पणी के साथ अदालत ने साफ कर दिया कि डुप्लीकेसी और फर्जीवाड़े की आशंका से पूरी प्रक्रिया को रोका नहीं जा सकता।
विपक्षी दलों को बड़ा झटका
बिहार में चुनाव आयोग द्वारा चलाया जा रहा SIR अभियान इस समय विवादों में घिरा हुआ है। विपक्ष का आरोप है कि मतदाता सूची में हेरफेर की जा रही है और लोगों को जानबूझकर बाहर किया जा रहा है। वहीं, चुनाव आयोग का कहना है कि यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और कानूनी नियमों के तहत हो रही है।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद विपक्षी दलों को बड़ा झटका लगा है, जो इस प्रक्रिया को रोकने की मांग कर रहे थे। कोर्ट के रुख से संकेत मिल रहे हैं कि EC की कार्रवाई को फिलहाल वैधता मिलती दिख रही है।