• मौलिक अधिकारों के विरोध में संसद को भी कानून बनाने का नहीं है अधिकार : पास्टर सुनीता

(Jind News) भिवानी। देश में ईसाई समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसा व अत्याचारों के खिलाफ तथा आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा ने सोमवार को शहर में प्रदर्शन करते हुए भिवानी उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम मांगपत्र सौंपा। राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा की महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष पास्टर सुनीता व प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र भोला ने कहा कि देश की 140 करोड़ की आबादी में ईसाई समुदाय की संख्या 2.3 प्रतिशत है, जिन्होंने हमेशा देश में संविधान, देशभक्ति, बंधुत्व व समानता व स्वतंत्रता के मूल्यों को बनाए रखा।

मौलिक अधिकारों के विरोध में संसद को भी कानून बनाने का अधिकार नहीं

लेकिन इसके बावजूद भी कुछ लोग मौलिक अधिकारों के खिलाफ जाकर इस समुदाय के लोगों को बेवजह प्रताडि़त करने का काम कर रहे है, जबकि मौलिक अधिकारों के विरोध में संसद को भी कानून बनाने का अधिकार नहीं है। मांगपत्र के माध्यम से उन्होंने मांग की कि सभी हिंसा की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित कर आरोपियों को जवाबदेह ठहराया जाए, धार्मिक, स्वतंत्रता अधिनियमों की समीक्षा कर उनके दुरूपयोग पर रोक लगाई जाए, राज्य सरकारों को धार्मिक समाता और स्वतंत्रता को बनाए रखने के निर्देश दिए जाए सहित अन्य मांगें उठाई।

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि ईसाई समुदाय के खिलाफ हो रही हिंसा की घटनाओं पर रोक नहीं लगाई गई तो एक जुलाई को राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक व वामसेफ, भारत मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम के नेतृत्व में भारत बंद के तहत प्रदर्शन किया जाएगा।

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