Bank Ekyc Update(आज समाज) : आजकल, हमारा आधार नंबर लगभग हर वित्तीय सेवा से जुड़ा होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके आधार डेटा को सुरक्षित रखने में 16 अंकों का कोड अहम भूमिका निभाता है। इस कोड को वर्चुअल आईडी (VID) कहा जाता है।
यह UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) द्वारा जनरेट किया गया एक अस्थायी और परिवर्तनशील कोड है जो बैंकों और वित्तीय संस्थानों को आपके वास्तविक आधार नंबर तक पहुँच के बिना आपकी पहचान प्रमाणित करने की अनुमति देता है। VID का उपयोग करने से आप डेटा लीक और पहचान की चोरी जैसे गंभीर जोखिमों से बच सकते हैं। यह Google सर्च-फ्रेंडली सामग्री VID के लाभों और इसके उपयोग की सरल प्रक्रिया के बारे में बताएगी।
VID की सबसे खास बात
वर्चुअल आईडी, या VID, एक 16 अंकों का कोड है जिसे आप UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट या mAadhaar ऐप के माध्यम से आसानी से जनरेट कर सकते हैं। VID की सबसे खास बात यह है कि यह अस्थायी होता है। इसे किसी भी समय नए कोड से बदला जा सकता है। यह सुविधा इसे आपके वास्तविक 12-अंकीय आधार नंबर से कहीं अधिक सुरक्षित बनाती है।
जब आप अपने VID का उपयोग करके किसी बैंक या वित्तीय प्रौद्योगिकी प्लेटफ़ॉर्म पर eKYC करते हैं, तो उन्हें केवल आपका 16-अंकीय VID दिखाई देता है; वास्तविक आधार नंबर तक उनकी पहुँच पूरी तरह से अवरुद्ध हो जाती है। इस तरह, यदि कोई पोर्टल या ऐप हैक भी हो जाता है, तो भी आपका मूल आधार डेटा पूरी तरह से सुरक्षित रहता है, क्योंकि हमलावरों के पास केवल एक अस्थायी कोड तक ही पहुँच होगी, जिसे बाद में बदला जा सकेगा।
ऑनलाइन धोखाधड़ी और डेटा चोरी से सुरक्षा
VID का उपयोग तेज़ी से बढ़ रहा है क्योंकि यह ऑनलाइन धोखाधड़ी और डेटा चोरी के विरुद्ध एक बेजोड़ सुरक्षा कवच प्रदान करता है। किसी भी सेवा प्रदाता को VID को स्थायी रूप से संग्रहीत करने की अनुमति नहीं है। आवश्यकता पूरी होने पर उन्हें इसे हटाना अनिवार्य है।
भारत के अग्रणी बैंक और डिजिटल वित्तीय संस्थान अब VID-आधारित eKYC को पूरी तरह से स्वीकार करते हैं, जिससे ग्राहकों की वित्तीय गतिविधियों में सुरक्षा का स्तर काफ़ी बढ़ गया है। आधार वर्चुअल आईडी का यह विवेकपूर्ण उपयोग वास्तव में डिजिटल इंडिया के उस दृष्टिकोण को मज़बूत करता है, जहाँ सुविधा और सुरक्षा सर्वोपरि है।
डिजिटल पहचान की सुरक्षा के प्रति सतर्क रहने की ज़रूरत
हालांकि VID आपके डेटा को ज़्यादा सुरक्षित बनाता है, लेकिन यह पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है। उपयोगकर्ताओं को अपनी डिजिटल पहचान की सुरक्षा के प्रति बेहद सतर्क रहने की ज़रूरत है। आपको अपना वन-टाइम पासवर्ड (OTP) हमेशा पूरी तरह सुरक्षित रखना चाहिए। किसी भी परिस्थिति में आपको अपना OTP या MPIN किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिए, भले ही वे बैंक कर्मचारी होने का दावा करते हों।
अपना VID बनाने या इस्तेमाल करने के लिए हमेशा आधिकारिक UIDAI वेबसाइट या mAadhaar ऐप का इस्तेमाल करें। उन नकली वेबसाइटों से सावधान रहें जो आपकी निजी जानकारी चुरा सकती हैं। इस तकनीक से जुड़े नियमों और सुरक्षा सावधानियों को समझना और उनका पालन करना ज़रूरी है ताकि आप ऑनलाइन वित्तीय सेवाओं का सुरक्षित रूप से उपयोग कर सकें।
VID का इस्तेमाल तेज़ी से लोकप्रिय हो रहा है, खासकर फिनटेक और अन्य डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर, जिससे ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी की घटनाओं में काफ़ी कमी आई है।
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