ICT Sentences Sheikh Hasina, (आज समाज), ढाका: अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने अदालत की अवमानना के दोष में बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को 6 माह जेल की सजा सुनाई है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। बता दें कि यह पहली बार है कि अपदस्थ अवामी लीग नेता को 11 महीने पहले पद छोड़ने और देश से भागने के बाद किसी मामले में जेल की सजा सुनाई गई है।

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अपराध करने के आरोपों से शेख हसीना का इनकार

बांग्लादेश मीडिया के मुताबिक आईसीटी-1 की तीन सदस्यीय पीठ ने आज यह फैसला सुनाया। पीठ की अध्यक्षता जस्टिस न्यायमूर्ति मोहम्मद गुलाम मुतुर्जा मोजुमदार ने की। अभियोजकों ने एक जुलाई यानि पिछले कल जब शेख हसीना के खिलाफ उकसाने, भड़काने, मिलीभगत, सुविधा और साजिश व  सामूहिक हत्या को रोकने में विफलता के संबंध में पांच आरोप दायर किए, तो शेख हसीना ने मानवता के खिलाफ अपराध करने के आरोपों से इनकार किया, जो बांग्लादेशी कानून के तहत मानवता के खिलाफ अपराध के बराबर हैं।

अवामी लीग ने दिखावटी मुकदमा बताया

अपदस्थ नेता की प्रतिबंधित अवामी लीग ने लंदन में जारी एक बयान में इसे दिखावटी मुकदमा बताया। उसने कहा कि आरोपी आरोपों से स्पष्ट रूप से इनकार करता है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, पिछले साल जुलाई और अगस्त के बीच 1,400 लोग मारे गए थे, जब शेख हसीना की सरकार ने सत्ता पर काबिज होने के असफल प्रयास में प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई का आदेश दिया था।

विद्रोह के चरम पर हसीना भारत भाग गई

अगस्त में छात्रों के नेतृत्व वाले विद्रोह के चरम पर शेख हसीना भारत भाग गई और उसने ढाका लौटने के आदेशों की अवहेलना की। ढाका में 1 जून को शेख हसीना की अनुपस्थिति में मुकदमा शुरू हुआ। रिपोर्ट्स के अनुसार, अभियोजकों का कहना है कि शेख हसीना तीन विशिष्ट मामलों में समग्र कमान की जिम्मेदारी रखती हैं, जिनमें विद्रोह के हिंसक दमन से जुड़े अलग-अलग मुकदमे चल रहे हैं। वे मामले हैं 23 वर्षीय छात्र प्रदर्शनकारी अबू सईद की हत्या, ढाका के चंखरपुल इलाके में छह अन्य की हत्या और राजधानी के एक अन्य उपनगर अशुलिया में छह लोगों की हत्या और उन्हें जला देना।

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