Updates On Assam Flood, (आज समाज), गुवाहाटी: असम में अब भी बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। अधिकारियों ने बताया है कि राज्य के 21 जिलों में करीब 7 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और प्रमुख नदियों का जलस्तर अब भी लगातार बढ़ रहा है। राज्य के विभिन्न हिस्सों से सड़कों, पुलों, शैक्षणिक संस्थानों, आंगनवाड़ी केंद्रों, बिजली के खंभों और अन्य बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचने की खबर है। अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ और भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 19 हो गई है।
खतरे के निशान से ऊपर बह रही नौ प्रमुख नदियां
अधिकारियों के अनुसार ब्रह्मपुत्र समेत नौ प्रमुख नदियां पूरे राज्य में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जबकि बराक नदी कछार जिले में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इन प्रमुख नदियों की सहायक नदियों का जलस्तर भी बढ़ रहा है और कुछ नदियां लाल निशान से ऊपर बह रही हैं। अधिकारियों के मुताबिक बाढ़ ने अब तक 66 राजस्व सर्किलों के 1,494 गांवों को प्रभावित किया है।
प्रभावित जिलों में ये शामिल
अधिकारियों के मुताबिक प्रभावित जिलों में हैलाकांडी, डिब्रूगढ़, मोरीगांव, होजई, कामरूप, नागांव, गोलाघाट, बिवनाथ, कछार, श्रीभूमि, सोनितपुर, लखीमपुर, दरांग, बारपेटा, गोलपारा, दक्षिण सलमारा, कार्बी आंगलोंग पश्चिम, दीमा हसाओ, शिवसागर, कामरूप (मेट्रो) और धेमाजी शामिल हैं।
श्रीभूमि सबसे अधिक प्रभावित
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के अनुसार, श्रीभूमि सबसे अधिक प्रभावित है। जिले के 339 गांव प्रभावित हैं। यहां की 2,59,601 आबादी बाढ़ के पानी में डूबी हुई है। इसके अलावा 189 नागांव में, 166 कछार में और 156 गांव हैलाकांडी जिलों में प्रभावित हुए हैं। हैलाकांडी में 1,72,439 लोग और नागांव में 1,02,716 लोग प्रभावित हुए हैं। कुल 14,977.99 हेक्टेयर फसल क्षेत्र बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है। वहीं लगभग 5,15,737 जानवर प्रभावित हुए हैं।
405 राहत शिविर खोले, 41,317 लोगों को ठहराया
राज्य में 405 राहत शिविर खोले गए हैं। जिला अधिकारियों के मुताबिक इन शिविरों में 41,317 लोगों ने शरण ली है। 1,12,324 राहत वितरण केंद्र भी खोले गए हैं। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के प्रवक्ता ने कहा कि रेलवे पटरियों में बढ़ते जल स्तर और वाशिंग पिट्स में जलभराव के कारण दक्षिणी असम के विभिन्न हिस्सों में ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुई हैं, खासकर सिलचर में। प्रवक्ता ने कहा कि रेलवे कर्मी पटरियों को साफ करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। प्रवक्ता ने कहा कि कुछ छोटी दूरी की यात्री ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं, हालांकि लंबी दूरी की ट्रेनें चल रही हैं।
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