• एएसआई ने वीडियो कॉल कर करवाई पहचान, परिवार छोड़ चुका था अशोक के जिंदा होने की आस

आज समाज नेटवर्क, जींद:

Anti-Human Trafficking Unit Reunites: हरियाणा स्टेट क्राइम ब्रांच की स्थानीय मानव तस्कर विरोधी ईकाई ने मध्य प्रदेश से बिछड़े व्यक्ति को 11 वर्ष बाद उसके परिवार से मिलवाया है। जन सेवा संस्थान में मानव तस्कर विरोधी ईकाई के इंचार्ज एएसआई संदीप एवं उनकी टीम ने 37 वर्षीय अशोक कुमार को मध्यप्रदेश से आए उसके परिजनों के सुपुर्द किया।  हरियाणा पुलिस बिछड़े लोगों को उनके परिवार से मिलवाने के लिए मिशन मुस्कान अभियान का संचालन करती है।

मानसिक परेशानी की हालत

मानव तस्कर विरोधी ईकाई के इंचार्ज एएसआई संदीप ने बताया कि अशोक कुमार की पिछले 11 सालों की दास्तां काफी मार्मिक और संघर्ष की है। मध्यप्रदेश के सागर जिला की बीना तहसील के देवल गांव से उसको लेने आए छोटे भाई शोभा राम ने बताया कि उसका भाई मानसिक परेशानी की हालत में 25 अगस्त 2014 को अचानक घर से निकल गया। उस समय उसकी उम्र लगभग 26 साल थी।

गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज

इसके बाद घर वालों ने एक महीने तक उसे आसपास के गांव, कस्बों और रिश्तेदारियों में तलाश किया लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। उसकी मां गेंदावती ने 22 सितंबर थाना भानगढ़ में अपने बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई और थक हारकर घर बैठ गई। मानसिक परेशानी की हालत में एक वर्ष तक देश में विभिन्न स्थानों पर घूमते हुए 2015 में अशोक दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचा। जहां से पुलिस ने उसे वहां स्थित अपना घर नामक सामाजिक संस्था को सौंप दिया।

पीजीआई में इलाज करवाया Anti-Human Trafficking Unit Reunites

मानसिक परेशानी के चलते अपना नाम व पता बताने में असमर्थ होने के चलते अशोक वहां तीन वर्ष तक रहा लेकिन साल 2018 में एक दिन अचानक वहां से भी निकल गया। इसके कुछ दिन बाद 15 मई 2018 को वह पुलिस को रोहतक पीजीआई परिसर में गंभीर रूप से घायल और लावारिस हालत में मिला। इस पर रोहतक स्थित जन सेवा संस्थान प्रबन्धन ने उसे अपना कर उसका एक महीने तक पीजीआई में इलाज करवाया। वह पांच वर्ष तक रोहतक संस्थान में ही रहा तथा साल 2023 में उसे जींद में हांसी मार्ग पर ईक्कस गांव के पास स्थित जनसेवा संस्थान की ब्रांच में भेज दिया गया। जन सेवा संस्थान के मैनेजर प्रवीन ने बताया पिछले सात वर्ष से उसका मानसिक रोग का इलाज लगातार जारी रहा।

नाम व पता मालूम करने की कोशिश

संस्थान के कर्मचारी उससे उसका नाम व पता मालूम करने की कोशिश करते रहे। अभी कुछ दिन पहले दिमागी हालत में सुधार होने पर उसने अपना गांव देवल तहसील बीना जिला सागर मध्य प्रदेश बताया। इस पर तुरंत मानव तस्कर विरोधी इकाई के इंचार्ज एएसआई संदीप से सम्पर्क करके सूचित किया गया। एएसआई संदीप ने वीडियो कॉल करके अशोक की बात छोटे भाई शोभाराम और उसकी मां गेंदा देवी से करवाई तो उन्होंने तुरंत एक-दूसरे को पहचान लिया।

सफलता को सही अर्थो में सार्थक

अशोक और उसके भाई और दोस्त के चेहरों पर 11 वर्ष बाद मिलने की असीम खुशी और राहत के भाव थे जो मिशन मुस्कान की सफलता को सही अर्थो में सार्थक कर रहे थे। इंचार्ज एएसआई संदीप और उनकी टीम के अथक प्रयासों के चलते पिछले एक वर्ष के दौरान परिवार से बिछड़े ऐसे एक दर्जन से अधिक व्यक्तियों को परिवार से मिलवा कर उनके चेहरों पर मुस्कान लौटाई गई है।

ये भी पढ़ें : Clove For Toothaches and Digestion: दांत दर्द और पाचन के लिए बेहतरीन है लौंग

ये भी पढ़ें : Sendha Namak for Sawan Fast: सेंधा नमक को सामान्य नमक से ज़्यादा क्यों इस्तेमाल किया जाता व्रत में