कहा, जब तक भारत रूस से तेल खरीदना बंद नहीं करता यह डील नहीं होगी

India-US Trade Deal (आज समाज), बिजनेस डेस्क : भारत और अमेरिका के बीच पिछले दिनों ट्रेड डील को लेकर हुई सकारात्मक वार्ता के बाद अमेरिका ने अब इसके लिए एक नई शर्त रख दी है। हालांकि दोनों देशों ने बातचीत को जारी रखने का भी फैसला लिया है। लेकिन अमेरिका की इस नई शर्त के बाद इस वार्ता का भविष्य क्या होगा यह किसी से छिपा हुआ नहीं है। अमेरिका ने कहा है कि भारत जब तक रूस से तेल खरीदना बंद नहीं करेगा तब तक ट्रेड डील नहीं होगी। हालांकि ट्रेड डील के लिए भारत जेनेटिकली मॉडिफाइड मक्के के आयात पर कुछ पाबंदियां हटाने और ज्यादा डिफेंस प्रोडक्ट खरीदने को तैयार हो गया था लेकिन अमेरिका ने पुराना राग एक बार फिर से अलाप दिया है।

16 सिंतबर को दोबारा शुरू हुई थी बातचीत

ट्रम्प के 50% टैरिफ लगाए जाने के बाद पहली बार ट्रेड डील पर बातचीत के लिए 16 सितंबर को अमेरिकी दल भारत पहुंचा था। दोनों देशों के डेलीगेशन के बीच नई दिल्ली में ट्रेड डील पर करीब 7 घंटे बातचीत हुई थी। इसके बाद कॉमर्स मिनिस्टर पियूष गोयल की लीडरशिप में भारतीय डेलिगेशन वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिका गया था। जहां उन्होंने अमेरिकी सरकार के साथ डील के अलग-अलग पहलुओं पर सकारात्मक बातचीत की। दोनों पक्षों ने डील के संभावित रोडमैप पर विचार शेयर किया और ट्रेड डील को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए बातचीत जारी रखने का फैसला किया।

टैरिफ से भारतीय निर्यात हुआ प्रभावित

अमेरिका ने भारत पर ज्यादा टैरिफ वसूलने की वजह से 25% जवाबी टैरिफ और रूस से तेल खरीदने के चलते पेनल्टी के रूप में 25% का टैरिफ लगाया है। इसके चलते भारत का करीब 85 हजार करोड़ रुपए का एक्सपोर्ट बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। इससे दोनों देशों के संबंधों में कड़वाहट आ गई थी।

अब दवा व अन्य वस्तुओं पर टैरिफ लगाया

अमेरिका में एक अक्तूबर से दवाइयों से लेकर भारी ट्रकों तक आयातित सामान महंगे हो जाएंगे। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दवाइयों, किचन कैबिनेट, बाथरूम वैनिटी, गद्देदार फर्नीचर और भारी ट्रकों पर नए आयात शुल्क यानी टैरिफ लगाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि दवाइयों पर 100 फीसदी, किचन कैबिनेट और बाथरूम वैनिटी पर 50 फीसदी, फर्नीचर पर 30 फीसदी और भारी ट्रकों पर 25 फीसदी आयात कर लगाया जाएगा।

गुरुवार को उनके सोशल मीडिया पोस्ट से पता चला कि अगस्त में लगाए गए आयात करों और व्यापार समझौतों के बाद भी ट्रंप टैरिफ लगाने के पक्षधर हैं। ट्रंप का मानना है कि इन टैरिफ से सरकार का बजट घाटा कम होगा और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इससे महंगाई और ज्यादा बढ़ सकती है और आर्थिक विकास पर भी असर पड़ेगा। खासकर दवाइयों पर टैरिफ का असर भारत के फार्मा उद्योग पर पड़ने की संभावना है।

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