• एक दर्जन से अधिक अंतरराष्ट्रीय कंपनियों पर प्रतिबंध का ऐलान

US Sanctions Six Indian Companies, (आज समाज), वाशिंगटन: अमेरिकी विदेश विभाग ने ईरान के साथ पेट्रोकेमिकल उत्पादों का व्यापार करने को लेकर भारत की छह कंपनियों सहित एक दर्जन से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय कंपनियों पर प्रतिबंधों लगाने का ऐलान किया है। इन भारतीय कंपनियों पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अपने पहले कार्यकाल में हस्ताक्षरित 2018 के एक कार्यकारी आदेश के तहत प्रतिबंध लगाए जाएंगे, जिसके तहत प्रतिबंधित संस्थाओं की अमेरिका स्थित सभी संपत्तियां जब्त कर ली जाएंगी।

ये हैं प्रतिबंधित की गई 6 कंपनियां

जिन भारतीय कंपनियां को प्रतिबंधित करने का ऐलान किया गया है उनमें अलकेमिकल सॉल्यूशंस, कंचन पॉलिमर्स, परसिस्टेंट पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड, रमणिकलाल, जुपिटर डाई केम और ग्लोबल इंडस्ट्रियल शामिल हैं। इनमें से दो कंपनियों ने संयुक्त अरब अमीरात की कंपनियों के साथ कारोबार किया, जिन पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं, जैसा कि तुर्की, इंडोनेशिया और चीन की कई कंपनियों को बैन किया गया है।

ईरान के ऊर्जा निर्यात को कमजोर करना मकसद

भारतीय कंपनियों को प्रतिबंधित करने का ट्रंप प्रशासन का कदम ईरान के ऊर्जा निर्यात को कमजोर करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है। बता दें कि ईरान का ऊर्जा निर्यात उसकी विदेशी मुद्रा आय का एक बड़ा हिस्सा है। अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, छह भारतीय कंपनियों ने 2024 और 2025 में ईरानी पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात और खरीद करके कुल मिलाकर 221 मिलियन डॉलर का कारोबार किया।

जुलाई की शुरुआत में साई सबुरी कंसल्टिंग पर प्रतिबंध

अमेरिकी ट्रेजरी ने इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद ईरान के तेल व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए नई दिल्ली में पंजीकृत एक भारतीय कंपनी साई सबुरी कंसल्टिंग पर प्रतिबंध लगा दिया। फरवरी में, चार भारतीय कंपनियों – फ्लक्स मैरीटाइम एलएलपी, बीएसएम मैरीन एलएलपी, आस्टिनशिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड और कॉसमॉस लाइन्स इंक – पर अमेरिकी वित्त मंत्रालय और विदेश विभाग ने बैना लगाए गए थे।

वित्त मंत्रालय ने इराक और ईरान के बीच चल रहे तेल तस्करी नेटवर्क को निशाना बनाने के लिए कई प्रतिबंधों की घोषणा की है। लाखों बैरल ईरानी तेल का परिवहन करने के लिए सिंगापुर, सेशेल्स और मार्शल द्वीप समूह स्थित शिपिंग कंपनियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम के खिलाफ है यूएस

रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान की राष्ट्रीय पेट्रोकेमिकल कंपनी के सीईओ हसन अब्बासज़ादेह ने घोषणा की है कि ईरान के पेट्रोकेमिकल उद्योग का निर्यात राजस्व 2024-25 में 13 अरब डॉलर से अधिक हो जाएगा। ट्रंप प्रशासन ने ईरान को अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को छोड़ने के लिए एक समझौते पर मजबूर करने के प्रयास में आर्थिक दबाव का एक अभियान शुरू किया है।

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